छतरपुर

अटका दी शिक्षकों की काउंसलिंग, कहीं दोगुने शिक्षक तो कहीं रह गए पद खाली

– एक्सीलेंस स्कूल के 21 शिक्षकों की अन्य जगह होना है पदस्थापना-16 अगस्त तक होनी थी कांउसलिंग,अब तक तारीख ही तय नहीं-आचार संहिता लगने के बाद एक साल के लिए अटक जाएगी पदस्थापना

छतरपुरSep 18, 2018 / 10:45 am

Neeraj soni

The teachers counseling, somewhere doubled, and the vacancy left

छतरपुर। जिले के एक्सीलेंस स्कूल में पढऩे वाले विद्यार्थियों को पढ़ाने वाले शिक्षक भी उत्कृष्ट हों, इस मकसद से 24 जुलाई 2017 को शिक्षकों की परीक्षा आयोजित की गई। परीक्षा पास करने वाले शिक्षक ही एक्सीलेंस स्कूल में पढ़ा सकते हैं, लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने शासन की इस मंशा पर ही पानी फेर दिया है। उत्कृष्ट विद्यालय नबंर एक में 21 शिक्षक ऐसे हैं,जिनकी काउंसलिंग करके जिले में खाली जगह वाले स्कूलों में पदस्थ किया जाना था, लेकिन पदस्थापना के लिए होने वाली काउंसलिंग ही अटका दी गई। जिससे बच्चों की पढ़ाई का दोहरा नुकसान हो रहा है, एक्सीलेंस स्कूल में दो गुने शिक्षक पदस्थ हैं, वहीं जिले के कुछ स्कूलों में शिक्षकों के पद ही खाली रह गए हैं।
ये है पूरा मामला :
उत्कृष्ट विद्यालय क्रमांक-01 में बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षकों के चयन के लिए 24 जुलाई 2017 को परीक्षा का आयोजन किया गया था। 25 जुलाई 2018 को आए रिजल्ट में एक्सीलेंस स्कूल में पहले से पदस्थ 25 में से 4 शिक्षक क्वालिफाई पाए गए। एक्सीलेंस स्कूल में पदस्थापना के 31 जुलाई 2018 को हुई कांउसलिंग के बाद 4 में से 3 शिक्षक अन्य जगह पर पदस्थ किए गए,जबकि नबंर स्कूल में एक शिक्षक यथावत ही रह गए। फिर भी 21 शिक्षक ऐसे हैं,जो क्वालीफाई न होकर भी एक्सीलेंस स्कूल में जमे हुए हैं। इन शिक्षकों की 16 अगस्त तक कांउसलिंग करके जिले के स्कूलों में खाली पड़े स्थानों पर इनकी पदस्थापना की जानी थी। लेकिन ये कांउसलिंग अब तक हुई ही नहीं।
ये है स्टाफ की स्थिति :
एक्सीलेंस स्कूल क्रमांक एक में 1460 बच्चों को पढ़ाने के लिए 47 शिक्षकों के पद स्वीकृत हैं। लेकिन यहां वर्तमान में 52 शिक्षक कार्यरत हैं। शासन की मंशा अनुसार 31 शिक्षकों की पदस्थापना अगस्त में उत्कृष्ट शिक्षकों के लिए हुई काउंसलिंग के बाद ३१ शिक्षकों की पदस्थापना की गई। पहले से कार्यरत 25 में से 4 उत्कृष्ट शिक्षक बन गए,बाकी 21 शिक्षक नंबर एक स्कूल में ही रह गए हैं। 31 उत्कृष्ट शिक्षक और 21 पुरान शिक्षकों को मिलाकर यहां 52 शिक्षक हो गए हैं। जबकि स्वीकृत पद 47 हैं। इन 21 शिक्षकों को एक्सीलेंस स्कूल से ही वेतन दी जा रही है। जबकि लोक शिक्षण संचालनालय के निर्देशानुसार इनकी पदस्थापना नई जगह करके वेतन वहीं से दिए जाने के स्पष्ट निर्देश हैं। लोक शिक्षण संचालनालय के निर्देशों का पालन न होने से जिले के कई मॉडल और अन्य स्कूलों में पद खाली पड़े हैं। शिक्षक नहीं होने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। वहीं एक्सीलेंस स्कूल में उत्कृष्ट शिक्षक ही पढाएंगे, शासन की ऐसी मंशा पर पानी फिर रहा है।
ये पड़ेगा दुष्प्रभाव
काउंसलिंग कब होगी ये भी अभी तक तय नहीं हुआ है। इधर,चुनाव आचार संहिता लगने का समय नजदीक आ रहा है, आचार संहिता लगने के बाद इन शिक्षकों की पदस्थापना अटक जाएगी। इससे जिले के जिन स्कूलों में खाली पद हैं,वे खाली ही रह जाएंगे। इस शिक्षण सत्र में पढऩे वाले बच्चों को बिना शिक्षकों के ही पढ़ाई पूरी करनी पड़ेगी। पिछले दिनों जनसुनवाई में विक्रमपुरा स्कूल की बच्चियां विषय विशेषज्ञ की मांग लेकर आई थीं, ये हाल जिले के दर्जनों स्कूलों में हैं। जिला मुख्यालय से दूर के स्कूलों में सभी विषयों के शिक्षक नहीं है,बच्चे बिना विषय विशेषज्ञ शिक्षक के ही पढ़ाई करने को मजबूर हैं,क्योंकि विषय वाले शिक्षक जिला मुख्यालय से बाहर भेजे ही नहीं जा रहे हैं।

शासन के आदेशानुसार काउंसलिंग के बाद अतिशेष शिक्षकों की पदस्थापना खाली जगह वाले स्कूलों में की जानी है,जिलाशिक्षा अधिकारी ही बता पाएंगे कि इनकी काउंसलिंग कब होगी।
– अशोक खरे, प्राचार्य, उत्कृष्ट विद्यालय क्रमांक 01

काउंसलिंग करके इन शिक्षकों की पदस्थापना ऐसे स्कूलों में करने के निर्देश हैं, जहां शिक्षकों के पद खाली हैं। शासन के निर्देश का पालन किया जाएगा। कांउसलिंग की व्यवस्था जल्द ही की जाएगी।
– जय सिंह बरकड़े, जिला शिक्षा अधिकारी

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