scriptखराब चावल की जांच करने पहुंची टीम, एफएक्यू मानक का नहीं मिला चावल | The team arrived to investigate the spoiled rice, the rice was not fou | Patrika News

खराब चावल की जांच करने पहुंची टीम, एफएक्यू मानक का नहीं मिला चावल

locationछतरपुरPublished: Aug 07, 2022 06:13:54 pm

Submitted by:

Unnat Pachauri

नागरिक आपूर्ति निगम आरएम ने टीम को खराब चावल का सेम्पल लेने से रोका तो नाराज हुए एसडीएम, फिर एडीएम के कहने पर की जांच

खराब चावल की जांच करने पहुंची टीम, एफएक्यू मानक का नहीं मिला चावल

खराब चावल की जांच करने पहुंची टीम, एफएक्यू मानक का नहीं मिला चावल

हरपालपुर। 2600 मीट्रिक टन पीडीएस चावल खराब होने के मामले में कलेक्टर द्वारा गठित की गई टीम ने शनिवार को मौके पर जांच पड़ताल की गई। इस दौरान टीम ने अपग्रेड किए चावल सहित खराब चावल की जांच की और सेम्पिलिंग की गई। जिसके बाद पंचानामा तैयार किया गया। इस दौरान टीम ने कहा कि अपग्रेड के बाद भी यह चावल खाने योग्य नहीं है।
जिले में गरीबों के लिए मंडला से आया 2600 मीट्रिक टन पीडीएस चावल के मामले में शनिवार को कलेक्टर द्वारा गठित की गइ टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच की। इस दौरान दोपहर १२ बजे टीम में एडीएम प्रताप सिंह चौहान, एसडीएम विनय द्विवेदी और क्षेत्रीय प्रबंधक सिविल सप्लाइज कार्पोरेशन राजेश शिवा पहुंच। इस दौरान टीम पहले कृषि उपज मंडी पहुंची जहां पर चावल को अपग्रेड किया जा रहा है। यहांपर एसडीएम ने अगल किए गए खराब चावल के सेम्पल लेने के दौरान क्षेत्रीय प्रबंधक सिविल सप्लाइज कार्पोरेशन एवं आपूर्ति निगम के आरएम राजेश शिवा ने आपत्ति जताई। जिसपर एसडीएम नाराज हो गए और वापस लौटने लगे। जिसके बाद एडीएम के कहने के बाद टीम ने यहां से ५ हजार बोरियों के खराब व अपगे्रड किए गए चावल के सेम्पल लिए। इस दौरान अपगे्रड किए चावल में भी नमी और दुर्गंध पाई गई। जिसपर टीम ने पंचनामा तैयार किया गया। जिसमें लेख किया है कि ५३८ बोरी चावल में नमी है और यह एफएक्यू मानक का नहीं हैं। जिसके बाद अब यह चसवल एफसीआई की लैब में जांच के लिए जाएगा।
वहीं इसके बाद टीम रेलवे स्टेशन के रैक प्वॉइंट पर पहुंची जहां पर २ हजार चाराब चावल होने पर जांच पड़ताल करते हुए सेम्पल लिए गए। इस दौरान टीम ने २४ सेम्पल लिए गए। एसडीएम विनय द्विवेदी ने बताया कि ५३८ बोरी के चावल में नमी है और एफएक्यू मानक का चावल नहीं हैं। अब इसे एफऊसीआई की लैब में जाएगा।
गौरतलब है कि हरपालपुर रेलवे स्टेशन के रैक प्वाइंट पर 24 जुलाई को प्रदेश के मंडला में स्थित मां शारदा राईस मिल से 2600 मीट्रिक टन लाया गया था। खराब रखरखाव के कारण इसमें पानी भर गया था। जिससे सड़ा हुआ चावल बाहर निकल बाहर आया था। मामले में नोटिस के जबाब के बाद कलेक्टर संदीप जेआर ने पूरे मामले में शेष 538 टन चावल के बारे में बिंदुबार जांच रिपोर्ट मांगी थी। इसमें कितना चावल एफएक्यू मानक अनुसार गुणवत्तापूर्ण हैं, कितना चावल गुणवत्ता विहीन हैं, चावल भीगने के सबंध में कौन दोषी है। इसकी जांच के लिए अपर कलेक्टर, क्षेत्रीय प्रबंधक एमपी सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन सागर, नौगांव एसडीएम सहित तीन सदस्यीय जांच दल को मौके पर जाकर निरीक्षण करने पूरे मामले की विस्तृत जांच प्रतिवेदन पेश करने को कहा था।

नहीं दिखा सके आदेश
जांच के दौरान एडीएम पीएस चौहान ने आपूर्ति निगम के आरएम राजेश शिवा ने पूछा कि यह उपग्रेडिंग़ किसके आदेश से की जा रही है और इसकी निगरानी कौन कर रहा है। एडीएम ने इससे सम्बंधित आदेश मांगे। जिसपर आपूर्ति निगम के आरएम राजेश शिवा कोई जवाब नहीं दे सके। वहीं इस दौरान स्थानीय लोगों ने टीम से की शिकायत में बताया कि अधिकारियों और ठेकेदार द्वारा मिलकर स्थानीय व्यापारियों से कुछ चावल खरीदकर अपग्रेड करने में शामिल किया है।
ठेकेदार को बचाने की कोशिश
जांच के दौरान आपूर्ति निगम के आरएम राजेश शिवा द्वारा ठेकेदार को बचाने की कोशिश की जा रही थी। उनके द्वारा शुुरुआत से ही टीम के साथ कॉपरेट नहीं किया जा रहा था। आरएम द्वारा जांच के दौरान कई बाद रोकटोक की गई और ठेकेदार को साफ तौर पर बचाने की कोशिश की गई। जिसपर एसडीएम नाराज होकर जांच को छोड़कर जाने लगे। जिसपर मामला भांपते हुए एडीएम पीएस चौहान ने उन्हें बुलाया। जिसके बाद एसडीएम ने आपूर्ति निगम के आरएम राजेश शिवा को कडी फटकार लगाई। जिसके बाद जांच शुरू हो सकी।

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