गौरतलब है कि हरपालपुर रेलवे स्टेशन के रैक प्वाइंट पर 24 जुलाई को प्रदेश के मंडला में स्थित मां शारदा राईस मिल से 2600 मीट्रिक टन लाया गया था। खराब रखरखाव के कारण इसमें पानी भर गया था। जिससे सड़ा हुआ चावल बाहर निकल बाहर आया था। मामले में नोटिस के जबाब के बाद कलेक्टर संदीप जेआर ने पूरे मामले में शेष 538 टन चावल के बारे में बिंदुबार जांच रिपोर्ट मांगी थी। इसमें कितना चावल एफएक्यू मानक अनुसार गुणवत्तापूर्ण हैं, कितना चावल गुणवत्ता विहीन हैं, चावल भीगने के सबंध में कौन दोषी है। इसकी जांच के लिए अपर कलेक्टर, क्षेत्रीय प्रबंधक एमपी सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन सागर, नौगांव एसडीएम सहित तीन सदस्यीय जांच दल को मौके पर जाकर निरीक्षण करने पूरे मामले की विस्तृत जांच प्रतिवेदन पेश करने को कहा था।
नहीं दिखा सके आदेश
जांच के दौरान एडीएम पीएस चौहान ने आपूर्ति निगम के आरएम राजेश शिवा ने पूछा कि यह उपग्रेडिंग़ किसके आदेश से की जा रही है और इसकी निगरानी कौन कर रहा है। एडीएम ने इससे सम्बंधित आदेश मांगे। जिसपर आपूर्ति निगम के आरएम राजेश शिवा कोई जवाब नहीं दे सके। वहीं इस दौरान स्थानीय लोगों ने टीम से की शिकायत में बताया कि अधिकारियों और ठेकेदार द्वारा मिलकर स्थानीय व्यापारियों से कुछ चावल खरीदकर अपग्रेड करने में शामिल किया है।
ठेकेदार को बचाने की कोशिश
जांच के दौरान आपूर्ति निगम के आरएम राजेश शिवा द्वारा ठेकेदार को बचाने की कोशिश की जा रही थी। उनके द्वारा शुुरुआत से ही टीम के साथ कॉपरेट नहीं किया जा रहा था। आरएम द्वारा जांच के दौरान कई बाद रोकटोक की गई और ठेकेदार को साफ तौर पर बचाने की कोशिश की गई। जिसपर एसडीएम नाराज होकर जांच को छोड़कर जाने लगे। जिसपर मामला भांपते हुए एडीएम पीएस चौहान ने उन्हें बुलाया। जिसके बाद एसडीएम ने आपूर्ति निगम के आरएम राजेश शिवा को कडी फटकार लगाई। जिसके बाद जांच शुरू हो सकी।
जांच के दौरान आपूर्ति निगम के आरएम राजेश शिवा द्वारा ठेकेदार को बचाने की कोशिश की जा रही थी। उनके द्वारा शुुरुआत से ही टीम के साथ कॉपरेट नहीं किया जा रहा था। आरएम द्वारा जांच के दौरान कई बाद रोकटोक की गई और ठेकेदार को साफ तौर पर बचाने की कोशिश की गई। जिसपर एसडीएम नाराज होकर जांच को छोड़कर जाने लगे। जिसपर मामला भांपते हुए एडीएम पीएस चौहान ने उन्हें बुलाया। जिसके बाद एसडीएम ने आपूर्ति निगम के आरएम राजेश शिवा को कडी फटकार लगाई। जिसके बाद जांच शुरू हो सकी।