स्टांप पर लिखा अब हम तुम्हारे हैं
भले ही 40 हजार रुपए खर्च हुए लेकिन किशोरी-बेलाकली को पाकरखुश था और वह उससे कभी जुदा नहीं होना चाहता था। बेलाकली के गले में मंगलसूत्र, पांव में पायल व अन्य जेवरात पहनाकर उसे अपनी पत्नी स्वीकार लिया था। 24 अगस्त को दोनों ने बिजावर न्यायालय में एक अनुबंध पत्र की नोटरी कराकर अपना शपथ पत्र देते हुए लिखा कि हम दोनों ने एक दूसरे को अच्छी तरह से समझ लिया है और हम अपना भला-बुरा समझने में सक्षम है। दोनों पति-पत्नी के रूप में रहने को राजी हंै।
पड़ोसी ने महिला को 40 हजार में बेचा
जोखूलाल यादव ने बताया कि वह चालक है। 15 साल पहले उसकी शादी सीधी निवासी बेलाकली से हुई थी। शादी के बाद उसने दो पुत्र व दो पुत्रियों को जन्म दिया। उसने बताया कि पड़ोस में राजेश अहिरवार रहता है। जो मूलरूप से बड़ामलहरा थाना क्षेत्र के सड़वा गांव का रहने वाला है और रीवा में रहकर वह मजदूरी करता है। मौका पाकर राजेश बेलाकली को लेकर रफूचक्कर हो गया और सड़वा आकर उसने गांव में किशोरी साहू से 40 हजार रुपए लेकर बेलाकली को बेच दिया। बताया जाता है कि किशोरी साहू भी 4 बच्चों का पिता है और पत्नी की मौत होने के बाद से दूसरी शादी करना चाहता था।
देवकली पिता पन्नालाल साहू ने अनुबंध लेख कराते समय बताया कि वह मूल रूप से अमिलिया जिला सीधी कि निवासी है। सत्रह वर्ष पूर्व उसकी शादी जिला सीधी में रहने वाले शिवपाल साहू के साथ हुई थी। शादी के दो वर्ष बाद अचानक शिवपाल की मौत हो गई। पति की मौत के डेढ़ वर्ष बाद मैंने जोखूलाल यादव निवासी पडऱी जिला रीवा से विवाह कर लिया था। शादी के बाद मालूम हुआ की जोखूलाल पहले से विवाहित है और उसकी पत्नी व बच्चे गांव में रहते हैं। जोखू के बच्चों को मेरी खबर लगते ही मारपीट कर मुझे परेशान करने लगे। जिसपर मैंने यहां से भागने की ठान ली और मौका पाकर मैं पड़ोसी राजेश के साथ भाग निकली।
महिला की कहानी में कई संदेहास्पद पहलू सामने आ रहे हैं। जहां महिला ने अनुबंध पत्र में अपना नाम देवकली साहू अमलिया जिला सीधी बताया है। वहीं उसके पति जोखूलाल यादव द्वारा उसका नाम बेलाकली यादव बता रहे है। दो अलग-अलग नाम बताने से कहानी संदेहास्पद लग रही है।
अभय राज सिंह सेंगर, प्रधान आरक्षक कोतवाली रीवा