छतरपुर

कोई भूखा न रहे इसलिए शादी-पार्टियों का बचा खाना बांटने निकल पड़ते हैं रात में

– निशुल्क भोजन वितरण करने वाले संगम सेवालय के सेवा कार्य बने मिसाल

छतरपुरJun 14, 2018 / 12:09 pm

rafi ahmad Siddqui

Chhatarpur

छतरपुर। शहर में कोई भूखा न रहे इसकी जिम्मेदारी शहर की समाजसेवी संस्था संगम सेवालय ने उठा रखी है। हर दिन सौ से ज्यादा लोगों को ताजा भोजन बनाकर वितरण कराने के सेवा कार्य को यह संस्था पिछले सात महीने से कर रही है। इसी के साथ अब भोजन की बर्बादी रोकने और उसे जरूरतमंदों तक पहुंचाने का काम भी संगम सेवालय के कार्यकर्ता करने लग गए हैं। पिछले तीन महीने से शहर की शादियों, पार्टियों या जन्म दिन के मौकों पर आयोजित होने वाले प्रतिभोज समारोहों में बचने वाले भोजन को एकत्र करके रात में ही वे गरीब बस्तियों में ले जाकर वितरण करने लगे हैं। इससे अन्न की बर्बादी रुकने के साथ ही जरूरतमंद के उदर की पूर्ति हो रही है।
संगम सेवालय के संस्थापक विपिन अवस्थी और अंजू अवस्थी ने बताया कि उन्होंने सात महीने पहले शहर में निशुल्क रोटी बैंक और भोजन वितरण का सेवा कार्य शुरू किया था, तब से यह अभियान लगातार चल रहा है। उन्होंने बताया कि शादियों में जाने के दौरान देखने में आया कि बचे हुए खाने की बर्बादी बहुत अधिक मात्रा में होती है। लोग बचा हुआ खाना जानवरों के लिए फेंक देते थे। यह देखकर मन में विचार आया कि क्यों न इस भोजन को एकत्र करके गरीब बस्तियो में जरूरतमंदों तक पहुंचाया जाए। इसी पर विचार करके काम शुरू कर दिया। सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर लोगों से इस बात का आग्रह किया कि अगर आपके यहां शादी-समारोह में खाना बचता है तो हमे सूचित करें, हम जरूरतमंदों तक पहुंचाएंगे। विपिन बताते हैं कि लोगों ने आगे आकर उन्हें पहले से ही सूचित कर दिया। रात में ही हमारे कार्यकर्ता मैरिज हाउसों से भोजन एकत्र करके लाने लगे और उन्हें गरीब बस्तियों में ले जाकर लोगों को दिया। गरीब परिवारों को अब अच्छा भोजन मिला तो उनके चेहरों की खुशी ने उनका और भी ज्यादा उत्साह बढ़ा दिया। अब वे हर किसी भी आयोजन की सूचना मिलने पर इस बारे में लोगों से संपर्क कर लेते हैं। ऐसे में अन्न की बर्बादी रुक गई और पात्र लोगों को भोजन मिलने लग गया।
एक दर्जन से ज्यादा सेवा कार्यो में लगे हैं दंपती :
संगम सेवालय की स्थापना करने वाले दंपती विपिन-अंजू अवस्थी शहर में एक दर्जन सेवा कार्य अपने ही खर्च से चला रहे हैं। उन्होंने अपने जीवन का लक्ष्य सेवा कार्य को बना लिया है। यह दंपती शहर में निजी स्कूल चलाते हैं। इससे होने वाली आय का एक बड़ा हिस्सा वे सेवा कार्य में खर्च कर रहे हैं। बिना किसी जनसहयोग और बिना सरकारी मदद के यह दंपती निशुल्क अंतिम यात्रा रथ चलाते हैं। हर दिन शहर में होने वाली अंतिम यात्रा में यह वाहन उपयोगी साबित हुआ है। इस निशुल्क सेवा से लोगों को भी बड़ी राहत मिली है। इसी तरह गरीबों को प्रतिदिन निशुल्क भोजन वितरण और शादी समारोहों से बचे भोजन का कलेक्शन कर उसके वितरण काम भी कर रहे हैं। इसके अलावा भीषण गर्मी के दिनों में जिला अस्पताल में आरओ वॉटल का निशुल्क प्याऊ का संचालन किया। निशुल्क एक्सीडेंटल वाहन की सेवा चलाकर शहरी सीमा में होने वाले सड़क हादसों के घायलों को तुरंत जिला अस्पताल पहुंचाने का काम भी यह संस्था कर रही है। इसके अलावा गांव के गरीब बच्चों और ग्रामीणों के लिए निशुल्क कपड़ा-जूता बैंक संचालित किया जा रहा है। हर साल पांच गरीब कन्याओं के विवाह, शिक्षा सामग्री वितरण और पौधारोपण के साथ हर सप्ताह तालाबों की सफाई का काम भी यह संस्था कर रही है।
तीन बड़ी योजनाओं पर भी चल रहा काम :
संगम सेवालय ने अपने सेवा कार्यों को बढ़ाते हुए नई योजनाओं पर भी काम करना शुरू कर दिया है। आने वाले बारिश के मौसम में बड़े स्तर पर प्लांटेशन की योजना बनाई है। इसके तहत संगम सेवालय द्वारा स्मृति वन की स्थापना और संगम वाटिका बनाई जाएगी। स्मृति वन में लोग अपने दिवंगत परिजनों की स्मृति में पेड़ लगा सकेंगे, जिसका पोषण संगम सेवालय करेगा। वहीं संगम वाटिका में लोगों की एक्सरसाइज के लिए स्टूमेंट लगाए जाएंगे। इसके अलावा मेडिसन बैंक की स्थापना और गरीब बच्चों को निशुल्क कोचिंग उपलब्ध कराने का भी सेवा कार्य शुरू होगा।
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