scriptजिले के इन गांवों में नहीं हैं एक भी बूंद पानी, पढ़ें पूरी खबर…… | These villages do not have one drop of water, which were also dried | Patrika News

जिले के इन गांवों में नहीं हैं एक भी बूंद पानी, पढ़ें पूरी खबर……

locationछतरपुरPublished: May 26, 2019 06:47:53 pm

Submitted by:

Unnat Pachauri

जिले के दो दर्जन से अधिक गांव हुए जल विहीन- कई किलोमीटर दूर से मशक्कत कर ला रहे पानी, जानकारी के बाद भी प्रशासन के प्रयास शून्य- पानी नहीं होने से नहीं हो पा रही लडकों की शादी

जिले के इन गांवों में नहीं हैं एक भी बूंद पानी,  पढ़ें पूरी खबर......

जिले के इन गांवों में नहीं हैं एक भी बूंद पानी, पढ़ें पूरी खबर……

उन्नत पचौरी की स्पेशल रिपोर्ट
छतरपुर। जीवन की प्राथमिक आवश्यकता जल है और जल की स्थिति हमारे देश में इतनी भयावह है कि रोंगटे खड़े हो जाते हैं। देश में जल स्रोत तेजी से घटते, सूखते और प्रदूषित होते जा रहे हैं। जल प्रदूषण, सूखते जल-स्रोत, प्रदूषित होती नदियां और वर्षा जल का संचयन न हो पाने की तो खूब चर्चा और विचार-विमर्श होता है। लेकिन सरेआम हमारे चारों ओर पीने के मीठे पानी की बर्बादी की जा रही है। जिससे अब पानी की किल्लत का भयावह नतीजा सामने आ रहा है। लेकिन इसके बाद भी इस भयावह स्थिति का मुख्य कारण जानकर भी अपनी जिम्मेदारी से मुह फेर रहे हैं जिसका नतीजा हम आप ही भोग रहे हैं। देश के हर छोटे-बड़े कस्बे, शहर और महानगरों में हर जगह पीने के पानी की समस्या मुह बाये खडी हैं और सरकारें, स्थानीय प्रतिनिधी और आमजन हाथ पर हाथ रखकर बैठे हैं। यही हाल छतरपुर जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों का है। जिले के दो दर्जन से अधिक ऐसे गांव हैं जहां पर गांव के अंदर पानी की एक-एक बूंद के लिए लोगों तरस रहे हैं। ऐसे में इन गांव के रहवासियों के लिए पेट भरने के लिए रोटी के लिए मेहनत के साथ-साथ पीने के लिए पानी के लिए भी कडी मेहनत करनी पड़ रही है। लोगों को अपने घरों से ५-५, १०-१० किलो मीटर दूर साइकिल, बैलगाडी, हाथ ठेला, ऑटो और बाइकों में रखकर ला रहे हैं। पहीं जिनके पास यह साधन नहीं हैं वह कई किलोमीटर दूर से सिर में पानी के बर्तन रखकर घर मं पानी की व्यवस्था कर रहे हैं।
छतरपुर जिले बकस्वाहा, बिजावर, बउामलहरा, राजनगर क्षेत्र में काफी आबादी जंगलों और पहाड़ों के आस-पास स्थिज गांव में निवास करती है। जहां मूलभूत सुविधाओं के नाम पर महज खानापूर्ति की जाती है और उसी के भरोसे यहां निवास करने वाले अधिकांस आदिवासी परिवार जीवन यापन कर रहे हैं। सड़क, बिजली व पानी के साथ ही लचर स्वास्थ्य व्यवस्था इन ग्रामीणों के लिए अभिशाप बनी हुई है। ऐसी ही विकट समस्याओं यहां निवास करने वाले लोगों के लिए पानी की समस्या से बनी हुई हैं।
ये है हालात —
बकस्वाहा विकासखंड
क्षेत्र के ग्राम बीरमपुरा, तिलई, मंझोरा, कसेडा, निमानी, जिझारपुरा, सलैया, खैजरा, कर्री, कछार, हिरदेपुर, कुई किसनपुरा, पौडी, बम्होंरी, खिरिया खुर्द, घोंगरा, गुगवारा, निवार, सैडारा में पानी की विकराल समस्या है, यहां पर लोगों को गांव के अंदर पानी नहीं मिल रहा है। लोगों को गांव के बाहर दूर दूर तक कुओं से पानी लाना पड़ रहा है। वहीं बकस्वाहा से करीब ६-७ किलामीटर दूरी पर स्थित ग्राम तेरियामार और सहपुरा में भीषण समस्या बनी हुई है यहां पर न तो स्थानीय प्रयासन द्वारा पानी के लिए व्यवस्था की जा रही हे और न ही कोई योजना इस गांवों में आई है जिससे ग्रामीणों को पानी मुहईया हो सके। इस गांव की अब स्थिति और भी बदतर होती जा रही हैं इस दोनों गांव में कोई भी अपनी लडकी की शादी करने को तैयार नहीं है जिससे यहां शादी नहीं हो रही हैं। दोनों गांवों में करीब १५ सौ की जनसंख्या होगी। हालाकि तेरियामार गांव में शासन ने कुछ वर्ष पहले एक टंकी बनाई थी, लेकिन पानी नहीं होने से आज तक नहीं भरी गई। गांव में ६ हैंडपंप और तीन कुआं जो करीब ३-४ माह पहले पूरी तरह से सूख चुके हैं।
बडामलहरा विकासखंड
क्षेत्र के ग्राम सरकना, भगुईयनखेरा, बन्न, झिरिया झोर और बंधाचंदौली, बिजरिया, पछरावनी, सड़वा ग्राम पंचायतों में पानी के लिए रहवासियों को कई किलोमीटर दूर तक जाना पड़ रहा है। इसमें से कई गांव ऐसे हें जहां पर गांव के अंदर जलश्रोतों में एक बूद पानी नहीं हैं। जिससे लोगों के सामने भारी समस्या खडी है। वहीं बंधाचंदौली, बिखरिया, पछरावनी, सड़वा ग्राम पंचायतों में शासन द्वारा नलजल योजना के तहत टंकी और पाइप लाइन बिछा दी है। लेकिन उसमें अभी पानी नहीं आया और न ही अधिकारियों द्वारा पानी लाने का प्रयास किया जा रहा है। जिससे लोगों बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। क्षेत्र ही रानीताल पंचायत में पंचायत द्वारा गांव के स्टेंड बोर करा दिया लेकिन मोटर नहीं डलवाई गई। वहीं गांव में हो रही परेसानी को देखते हुए गांव के लोगों द्वारा पंचायात का बोर में निजी मोटर डाल कर लोगों को पानी दिया जा रहा है। यहां के देवेंद्र रिछारिया, चंद्रभान सेन, संतोष मिश्रा ने बताया कि क्षेत्र में पानी को लेकर बिकराल समस्या है। इसकी जानकारी शासन और जनप्रतिनिधियों द्वारा दी गई। लेकिन कोई लाभ नहीं मिला। उन्होंने बताया कि ग्रामीण जलप्रदाय योजना के तहत क्षेत्र के कई गांवों में पानी पहुंचरने की योजना थी। जिसे करीब एक साल पहले पूर्ण होना था। लेकिन अभी तक अधर में हैं।
बिजावर विकासखंड
क्षेत्र के बिलगांय, गुलाट, खुवा, नागोरी, किशनगढ़ क्षेत्र के पटौरी, बिला, राईपुरा आदि गांवों में इन दिनों भीषण जलसंकट छाया है। यहां पर लोगों को पानी के लिए सुबह से लेकर रात तक पीने और उपयोग के लिए पानी का इंतजाम करने में बीत जाता है। वहीं किशनगढ क्षरा के गांव के आस-पास जंगल और पहाडी क्षेत्र होने के चलते यह परेसानी और बढ़ जाती है। ऐसे में ग्रामीण कई किलोमीटर दूर तक जाकर पानी लाने को मजबूर हैं। इस गांव में शासन द्वारा केवल कागजी तौर पर पानी की व्यवस्थ्सस की गई है। लेकिन हकीकत में यहां पर बच्चे से लेकर बुजुर्ग सुबह से पानी की जुगाड में लगा जाता है।
तीन बजे से निकलते हैं पानी की तलास में
इन गांव के लोगों ने बताया कि गांव में पानी की होने से वह काफी परेसान हैं अधिकारियों से पानी की मांग की गई लेकिन कोई सुनाई नहीं हो रही है। ऐसे में उन्हें पानी के लिए सुबह ३ बजे से गांवों के बाहर पानी की तलास में निकलते और दोपहर तक जरूरत के पानी का इंजजाम करते हैं। सड़वा निवासी महेंद्र सेन ने बजाया कि वह प्रति ३ बजे से गांव के तीन- चार किलोमीटर दूर पानी के लिए जाते हैं।
अधिकारियों के बोल
हमारे यहां से करीब-करीब सभी गांवों में पेयजल की व्यवस्था की हैं, कहीं कहीं पर पानी के श्रो सही नहीं होने से योजनाऐं बंद पडी हैं। में जानकारी करता हूं जहां भी परेसानी होगी सहीं कराई जाएगी।
महेंद्र सिंह, इइ, पीएचई, छतरपुर
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IMAGE CREDIT: Unnat Pachauri
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