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सैकड़ों ट्रेक्टरों पर पहुंचे हजारों किसान, नेताओं ने दी सरकार को चेतावनी

locationछतरपुरPublished: Jan 19, 2021 07:13:42 pm

Submitted by:

Dharmendra Singh

कृषि कानूनों के खिलाफ छतरपुर में कांग्रेस का सबसे बड़ा प्रदर्शनकिसानों के साथ गरीबों की बात भी सभा में उठी, भाजपा पर लगाए आरोप

कृषि कानूनों के खिलाफ छतरपुर में कांग्रेस का सबसे बड़ा प्रदर्शन

कृषि कानूनों के खिलाफ छतरपुर में कांग्रेस का सबसे बड़ा प्रदर्शन

छतरपुर। केन्द्र की मोदी सरकार के द्वारा जून के महीने में अध्यादेश पारित कर देश में लागू किए गए तीन कृषि कानून संशोधनों के खिलाफ पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में शुरू हुई लड़ाई अब देशव्यापी होती जा रही है। कांग्रेस ने प्रदेश के सभी जिलों में किसानों के साथ व्यापक प्रदर्शन की शुरूआत कर दी है। इसी क्रम में मंगलवार को पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल के नेतृत्व में छतरपुर जिले में इन कृषि कानूनों के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन किया गया। कांग्रेस के स्थानीय विधायकों आलोक चतुर्वेदी, नातीराजा, नीरज दीक्षित सहित अन्य दिग्गज नेताओं की मौजूदगी में जिले भर से लगभग एक हजार ट्रेक्टरों से जिला मुख्यालय पर पहुंचे हजारों किसानों ने पहले छत्रसाल चौक पर सभा में हिस्सा लिया इसके बाद पैदल मार्च करते हुए कलेक्टे्रट पहुंचकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। छत्रसाल चौक पर आयोजित सभा के दौरान नेताओं ने केन्द्र की मोदी सरकार, मप्र की शिवराज सरकार पर जमकर भड़ास निकाली। इस सभा के दौरान जिले में व्याप्त समस्याओं का भी नेताओं ने जिला प्रशासन को कटघरे में खड़ा करते हुए सुधार की चेतावनी दी।
देश को दोबारा गुलाम बना रही कंपनियां- अजयसिंह
पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजयसिंह ने कहा कि आज यदि पूरे देश और राज्यों में बैलट पेपर से चुनाव हो जाएं तो बीजेपी साफ हो जाएगी। आजादी की लड़ाई में इनके एक भी व्यक्ति ने हिस्सा नहीं लिया। बीजेपी में एक भी स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी नहीं हैं, जिसका वे नाम ले सकें। अजयसिंह ने कहा कि जब तक केंद्र में बीजेपी की सरकार है, तब तक किसान, गरीब, दलित और आदिवासी की सुनवाई नहीं होगी। 1947 में जब देश आजाद हुआ तब गांधी, नेहरू, आजाद, अंबेडकर सहित सैकड़ों बड़े कांग्रेसी नेताओं ने संकल्प लिया था कि देश के गरीबों और वंचित लोगों को हर तरह के साधन उपलब्ध कराएंगे, लेकिन बीजेपी की सोच इसके बिलकुल उलट है। वह आरएसएस के इशारे पर चलती है जिसकी सोच यह है कि जब तक देश में 95 प्रतिशत जनता गरीब रहेगी, तब तक ही हम सत्ता में रह पाएंगे। इसलिए ये हर वर्ग को आर्थिक रूप से कमजोर करने में लगे हुये हैं। सिंह ने कहा कि अंग्रेजों ने दो सौ साल भारत पर राज किया। एक ईस्ट इंडिया कंपनी थी जिसके कारण भारत गुलाम हुआ। वही इतिहास फिर दोहराया जा रहा है। आज दो- चार बड़ी कंपनियां हैं जिनके कारण किसानों के साथ साथ हर वर्ग गुलाम होता जा रहा है। अब यह दूसरी आजादी की लड़ाई हमारे किसान लड़ रहे हैं। उनकी सोच है कि किसान चाहे मर जाएं, लेकिन वही होगा जो हम दिल्ली में बैठकर तय करेंगे।
सभा के दौरान कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष जगदीश शुक्ला ने भाजपा की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कानूनों को वापस लेने की मांग की। पूर्व विधायक मुन्नाराजा ने अपने संबोधन में कहा कि यह सरकार गुण्डागिर्दी पर उतारू है। मोदी और अमित शाह अपना रूप बदलकर जनता को गुमराह करने में माहिर हैं। उन्होंने कहा कि यदि किसानों की पीड़ा को भाजपा नहीं समझ पायी तो किसान आगामी चुनाव में उन्हें सत्ता से बेदखल कर देंगे। नीरज दीक्षित ने केन्द्रीय कानूनों के साथ-साथ जिले में किसानों की समस्याओं पर भी विचार रखे और अपने क्षेत्र में बिजली विभाग द्वारा किसानों पर किए जा रहे जुल्मों को उठाया। उन्होंने लालच में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए प्रद्युम्र लोधी पर भी सवाल उठाए। राजनगर विधायक नातीराजा ने इन कृषि कानूनों की तुलना अंंग्रेजी कानूनों से की। उन्होंने कहा कि एक समय अंग्रेजों ने भी भारत के किसानों को नील की खेती करने के लिए मजबूर किया था। आज मोदी सरकार भी किसानों को पूंजीपतियों के लिए खेती करने को मजबूर कर रही है। सभा के दौरान कांग्रेस के जिलाध्यक्ष मनोज त्रिवेदी, युवक कांगे्रस के जिलाध्यक्ष लोकेन्द्र वर्मा सहित अन्य नेताओं ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन प्रभात अग्रवाल ने किया।
बिजली की समस्याओं पर भी उठे सवाल
छत्रसाल चौक पर आयोजित कांग्रेस की इस सभा के दौरान कृषि कानूनों के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर मौजूद समस्याओं के खिलाफ भी सवाल उठाए गए। छतरपुर विधायक आलोक चतुर्वेदी ने बिजली विभाग द्वारा किसानों को बिजली देने में बरती जा रही लापरवाही और वसूली के लिए किसानों को दी जा रही प्रताडऩा पर सवाल खड़े किए। उन्होंने छतरपुर तहसील में किसानों के कामकाज की फाइलों के निराकरण में हो रही देरी, नामांतरण के लिए तहसीलदार द्वारा आजादी के पहले 1942 के बंदोबस्त की नकल को मांगे जाने जैसी कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए। उन्होंने माफिया विरोधी अभियान के तहत उन गरीबों के मकान गिराए जाने पर भी सवाल खड़े किए जिन्हें पहले आवास के नाम पर पैसे देकर मकान बनवाया गया और अब उनके मकान गिराए जा रहे हैं। प्रशासनिक तानाशाही और किसानों के काम के लिए लग रही रिश्वत पर भी विधायक ने तीखे सवाल उठाए।
ट्रेक्टरों पर पहुंचे नेता
कांग्रेस के इस प्रदर्शन के दौरान कई नेता अपने-अपने क्षेत्रों के किसानों के साथ ट्रेक्टर पर सवार होकर आए। कांग्रेस जिलाध्यक्ष मनोज त्रिवेदी और युवक कांग्रेस नेता अक्षय त्रिवेदी सटई रोड से ट्रेक्टरों का काफिला लेकर छत्रसाल चौक पहुंचे। इसी तरह पूर्व विधायक शंकर प्रताप सिंह, सिद्धार्थशंकर बुन्देला, चौबे चौधरी और लोकेन्द्र वर्मा एक ट्रेक्टर पर सवार होकर कई किसानों का काफिला लेकर छत्रसाल चौक पहुंचे। महोबा रोड की ओर से महाराजपुर विधायक नीरज दीक्षित भी कई ट्रेक्टरों के काफिले के साथ सभा स्थल पर आए तो वहीं छतरपुर विधायक आलोक चतुर्वेदी और पूर्व मण्डी अध्यक्ष बब्बूराजा भी एक ट्रेक्टर पर सवार होकर सागर रोड की ओर से किसानों का काफिला लेकर छत्रसाल चौक पहुंचे।
कलेक्ट्रेट में ज्ञापन को लेकर हंगामा
कांग्रेस के नेता सभा के सम्पन्न होने पर आंदोलन में मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि देने के बाद राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देने कलेक्ट्रेट पहुंचे। इस दौरान पहले नेताओं को कलेक्ट्रेट के बाहर लगायी गई बैरीकेटिंग पर ही रोक दिया गया। हालांकि नेता नहीं माने तो अंदर जाने की अनुमति मिल गयी। एडीएम गेट के समीप दूसरी बैरीकेटिंग पर पहुंचे। लेकिन नेता कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह को ज्ञापन देने पर अड़ गए। हालांकि ज्ञापन लेने के लिए एसपी सचिन शर्मा और जिला पंचायत सीईओ अमर बहादुर सिंह मौके पर पहुंच चुके थे फिर भी नेताओं ने कलेक्टर को ही ज्ञापन देने की जिद ठान ली। नेता यहीं बैठकर रघुपति राघव भजन गाने लगे। कुछ देर में कलेक्टर मौके पर पहुंचे और ज्ञापन दिया गया।

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