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अजब-गजब : हेल्थ अवेयरनेस और रोड सेफ्टी का संदेश देने के लिए 60 साल के युवा ने नाप ली 25 राज्यों की 25 हजार KM की दूरी

locationछतरपुरPublished: Oct 01, 2018 02:15:32 pm

Submitted by:

rafi ahmad Siddqui

-बाइक से यात्रा कर हेलमेट पहनने का दे रहे संदेश, एक साल में सड़क दुर्घटना में डेढ लाख की मौत,52 हजार बाइकर्स

To give messages of health awareness and road safety the 60 year old

To give messages of health awareness and road safety the 60 year old

धर्मेन्द्र सिंह
छतरपुर। रिटायरमेंट के बाद अमूनन हर शख्स आराम की जिंदगी चाहता है,जिंदगीभर की दौड़धूप की थकान घर में रहकर उतारना चाहता है। वहीं एक रिटायर जर्नलिस्ट शरत शर्मा 60 साल की उम्र में हेल्थ अवेयरनेस और बाइकर्स सेफ्टी के लिए 28 हजार किलोमीटर की बाइक राइड पर निकले हैं। शर्मा भूटान और तीन केन्द्र शाषित प्रदेशों समेत अब तक 24 राज्यों की यात्रा कर चुकें हैं,25 वें राज्य मध्यप्रदेश की यात्रा के दौरान रविवार को छतरपुर पहुंचे। रिटायरमेंट से मिली राशि खर्च कर अबतक उन्होंने 25 हजार 399 किलोमीटर की यात्रा तय की है। हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, यूपी, बिहार, सिक्किम, भूटान, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, मिजोरम, त्रिपुरा, नागालैंड, मणिपुर, बंगाल, झारखंड, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, यानम (यूटी), तेलंगाना, कर्नाटक, पुडुचेरी, तमिलनाडु, केरल, गोवा, महाराष्ट्र दमन और दीव और दादरा, नगर और हवेली की यात्रा कर चुके हैं। चेन्नई से कन्याकुमारी, तिरुवनंतपुरम, कोच्चि, कोयंबटूर, मैसूर, गोवा, महाराष्ट्र, दमन, दादरा और नगर हवेली और इंदौर, उज्जैन और भोपाल के रास्ते से होते हुए खजुराहो और फिर छतरपुर पहुंचे हैं। हेलमेट पहनने और स्वस्थ्य जीवन का संदेश देते हुए शरत झांसी,ग्वालियर से होते हुए पंजाब,चंडीगढ़,जम्मू कश्मीर,लद्दाख,हिमाचल जाएंगे।
बुंदेलखंड की सिंचाई योजना,बनाएंगी हरित प्रदेश
37 साल के प्रिंट मीडिया के सफर में एडिटर,टाइम्स ऑफ इंडिया से रिटायर हुए शरत ने रविवार को पत्रिका ऑफिस पहुंचकर,बुंदेलखंड को लेकर अपने विचार रखे। उनका कहना है कि बुंदेलखंड का इलाका पठारी है,अभी बारिश के बाद के दिनों में चारो ओर हरियारी दिखाई दे रही है,नदी,नाले में हर जगह पानी दिखाई दे रहा है। लेकिन यहां लोगों मे पानी संचय करने की प्रवृत्ति नहीं है। इतिहास गवाह है कि पानी अमृत है,जिन सभ्यताओं ने पानी का संग्रह नहीं किया,वे समाप्त हो गईं और जिन्होंने पानी का संग्रह किया,उनकी तस्वीर बदल गई। जेसलमेर का भाग्य बदल गया,गंगा केनाल ने वीरान इलाके में हरियाली ला दी। ठीक उसी तरह केन-बेतबा लिंक और चंबल की योजनाएं इस इलाके को हरित प्रदेश बनाएंगी। इस इलाके का भविष्य बदल जाएगा। लेकिन सिर्फ सरकार के लेवल पर काम होने से नहीं,बल्कि हर घर के लेवल पर सभी को खुद काम करना होगा। तब अमृत रुपी ये जल बुंदेलखंड का भ्गग्य बदल देगा।
इसलिए जरूरी है हैलमेट
यात्रा का मकसद सेफ बाइक राइडिंग का संदेश देना है। देश में बाइक इस्तेमाल करने वाले लोग ज्यादा है,जिनमें ज्यादातर युवा हैं। पिछले वर्ष पूरे देश में 1 लाख 50हजार 785 लोग सड़क दुर्घटना में मारे गए,जिनमें से 52हजार लोग बाइकर्स थे। 18.3 प्रतिशत युवा हेलमेट न पहनने के कारण मौत के मुंह में समा गए। इसलिए सेफ राइडिंग के साथ ही हेलमेट पहनना जरुरी है। दुर्घटना में जिंदगी गंवाने से बचें। स्वस्थ्य जीवन का सूत्र अपनाए, तो रिटायरमेंट के बाद भी जिंदगी में करने को बहुत कु छ है। 37 साल के पत्रकारिता के कैरियर में शरत ने हेल्थ के प्रति जागरूक रहकर खुद को इतना फिट रखा है,कि 60 की उम्र में भी 30 साल के युवा की तरह फिट नजर आते हैं।
जिंदगी की आखरी पारी में भी रहेगी रौनक
आजकल के युवा नशा और अस्त-व्यस्त जीवनशौली के वशीभूत हैं,60 साल की रिटायरमेंट की उम्र तो दूर 40 साल की उम्र में बीमारियां घेर लेती है। भारत डायबिटीज की विश्व की राजधानी बन गया है। कोलेस्ट्रोल की बीमारी जिस तरह से बढ़ रही है,दुर्भाग्यवश आने वाले दिनों में विश्व के सबसे ज्यादा मरीज हमारे देश में होंगे। ऐसा इसलिए है क्योंकि हम स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह हैं। रिटायर होने के बाद जिंदगी जीने के बजाए अस्पतालों में कट रही है। रिटायरमेंट,ग्रेज्यूयटी और पेंशन का सारा पैसा बीमारियों के इलाज में खर्च हो रहा है। अगर हम रोजाना एक घंटे भी अपने स्वस्थ्य जीवन के लिए दें,व्यायाम,खेलकूद,योगा,जो भी पंसद हो,करें तो जीवन स्वस्थ्य रहेगा।
यात्रा संस्मरण में समेटेंगे यादें
28 हजार किलोमीटर की यात्रा करने के बाद शरत यात्रा संस्मरण लिखेंगे,पूरी यात्रा के दौरान उन्होंने 28 हजार फोटो खींचे हैं। जिनमें से करीब 12 सौ फोटो को वे देश और समाज के दपर्ण की तरह यात्रा संस्मरण में इस्तेमाल करेंगे। रिटायरमेंट से मिले पैसे से खरीदी हिमालयन बाइक से पिछले छह महीने से यात्रा कर रहे शरत हर शहर को केवल छूकर नहीं निकलते,बल्कि वहां के खान-पान,रहन सहन और लोगों से रिश्ता जोड़ते चले जा रहे हैं। स्व्स्थ्य जीवन का संदेश देते हुए एक शहर से दूसरे शहर घूम रहे शरत का कहना है कि शहर का दिल न छुआ तो यात्रा अधूरी है।

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