छतरपुर

चार दिन से बीमार ग्रामीणों को मिला इलाज

नदी में उफान होने से नहीं हो रहा आवागमन

छतरपुरSep 03, 2018 / 01:54 pm

rafi ahmad Siddqui

Treatment to sick villagers from four days

बडामलहरा। स्थानीय थाना क्षेत्र के रानीखेरा गांव के लोग पिछले 5 दिनों से बीमारी से पीडि़त है। सूचना पर प्रशानिक अमला और स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया। स्वास्थ्य विभाग टीम ने बहते पानी से निकलकर श्यामरी नदी पार की और गांव पहुंचकर पीडित लोगों का इलाज किया गया और आवश्यक दवाईयां दी गई। इलाज के दौरान एक 3 वर्षीय मासूम बालक निमोनिया से पीडित मिला और एक ग्रामीण सीना के दर्द से तड़प रहा था। स्वास्थ्य विभाग टीम दोनों मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
ग्राम पंचायत सूरजपुरा खुर्द स्थित रानीखेरा गांव के लोग पिछले पांच दिनों से किसी बीमारी की चपेट में है। बताया गया कि गांव में करीब एक दर्जन लोग विभिन्न प्रकार की बीमारियों से पीडि़त है लेकिन लगातार बारिस होने से श्यामरी नदी ने ग्रामीणों की राह रोक ली है। ऐसी हालत में मरीज इलाज कराने के लिए बडामलहरा मुख्यालय तक नहीं पहुंच पा रहे थेे और न स्वास्थ्य विभाग की सेवाऐं गांव तक पहुंच पा रही थी। ग्रामीणों ने रविवार सुबह कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष नरेंद्र दीक्षित को सूचना देकर स्वास्थ्य व्यवस्थाऐं उपलब्ध कराने की मांग की। ब्लॉक ने प्रशासनिक अमले को खबर देकर बताया कि रानीखेरा गांव बीमारियों की चपेट में है। खबर मिलते ही रविवार को सुबह 11 बजे प्रशानिक अधिकारी तहसीलदार कुशल सिंह गौतम, प्रभारी तहसीलदार केके गुप्ता, पटवारी होशियार सिंह राजपूत, उपनिरीक्षक एमएम मिश्रा और स्वास्थ्य विभाग की टीम ग्राम रानीखेरा रवाना हो गई। लेकिन रास्ते में श्यामरी नदी ने राह रोक ली। दो दिन की लगातार वारिस ने श्यामरी नदी उफान पर है ऐसे में प्रशासनिक अमले ने रेस्क्यू टीम को मौके पर बुलाया और स्वास्थ्य विभाग की टीम एक घंटे की मस्क्कत के बाद रेस्क्यु टीम की मदद से पानी के तेज बहाव को पार करके रानीखेरा गांव पहुंची और मरीजों के इलाज में लग गई। बिनीता (28), लीला चतुर्वेदी (8), भुमानीदीन (25), ऊदल (10), शीलाबाई (55), बुदू (40), मोहित यादव (12) ने इलाज के दौरान डॉक्टर को बताया कि वह पिछले पांच दिनों से उल्टी, दस्त, सर्दी, खांसी व पेट दर्द सहित अनेक बीमारियों से पीडि़त हैं। डॉ हरगोबिंद राजपूत ने बीमार ग्रामीणों की जांच कर उन्हें आवश्यक दवाईवां दी गई। जबकि राजकुमार यादव (3) निमोनिया से पीडि़त पाया गया व गोरेलाल यादव (35) के सीना में दर्द होने पर इलाज के लिए उन्हें बडामलहरा अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉ हरगोबिंद राजपूत ने बताया कि गांव में हैजा जैसी कोई शिकायत नहीं मिली है। ग्रामीण मौसमी बीमारियों से पीडि़त पाए गए हैं। उन्हें आवश्यक उपचार दे दिया गया है। टीम में बीपीएस दयाराम अहिरवार, एपीएस भागीरथ शुक्ला, एसके तिवारी व शब्बीर खान शामिल थे।

बदत्तर है स्वास्थ्य सेवाऐं
ग्रामीण बताते है कि गांव में पिछले 2 माह से स्वास्थ्य सेवाऐं शून्य है। उनका मानना है कि स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में समय समय पर आकर ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण और इलाज करती रहे तो ऐसी नोबत नहीं आऐगी। रानीखेरा में एएनएम कुसुम अहिरवार और एमपीडव्ल्यू बाबूलाल अहिरवार को पदस्थ्य किया है लेकिन वह कभी कभार ही गांव में आते हैं।

मूलभूत सुविधाओं से बंचित सड़क विहीन गांव
सरकार कहती है कि गांव विकास की मूल इकाई है। गांव का सर्वांगीण विकास होने के बाद भी विकसित देश की कल्पना की जा सकती है। वावजूद इसके यह सब बातों और कागजों तक ही सीमित है। वास्तव में नेताओं के वादे इरादे और हकीकत गांव में देखनें को मिल रही हैं। गांव के सर्वांग़ीर्ण विकास में सड़क का महत्व पूर्ण स्थान है लेकिन रानीखेरा गांव पिछले अनेक वर्षों से एक अदद सड़क मांग रहा है। सुलभ मार्ग न होने से गांव का विकास तो दूर मौलिक सुविधाऐं भी लोगों को नहीं मिल पा रही है।

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