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कांपते हाथों से बेटी को गोद में उठा न्याय दिलाने भटक रहा पिता

locationछतरपुरPublished: Sep 13, 2018 02:50:21 pm

Submitted by:

Samved Jain

– दहेज लोभियों ने कर दी अनीता की जिंदगी बर्बाद – दो माह से चक्कर काटने के बाद भी नहीं मिला अब तक न्याय

Chhatarpur

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मुरसलीम खान,छतरपुर। बुढ़ापे में कांपते हांथ, गरीबी और बेबसी का आलम, सिर पर मुसीबतों का पहाड़, बेटी का आसहनीय दर्द लेकिन फिर भी, एक आस और उम्मीद के साथ दिल में बेटी को न्याय दिलाने का जज्बा, कभी न खत्म होने वाली न्याय पाने की उम्मीद को लेकर एक पिता अपनी पुत्री को हांथों पर उठा कर दर-दर भटक रहा है। बेटी की यह दशा दहेज लोभियों में महज एक मोटर साइकिल के लिए कर दी। अनीता के सिर में लगी एक चोट ने उसका पूरा जीवन बर्बाद कर दिया। बेटी मानसिक रूप से क्षुब्ध हो गई उसके शरीर ने काम करना बंद कर दिया लेकिन फिर भी उसका पिता उसे न्याय दिलाने व दहेज लोभियों को सजा दिलाने के लिए न्याय की उम्मीद लेकर हर संभव प्रयास कर रहा है।
महिलाएं हर क्षेत्र में आगे हैं। महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार दिलाने के लिए सरकार भी आवश्यक कदम उठा रही है। महिलाओं पर हो रहे अत्याचार रोकने के लिए सख्त कानून भी बनाए गए। बावजूद इसके दहेज लोभियों के द्वारा महिलाओं पर लगातार अत्याचार और प्रताडऩा दी जा रही है। ऐसा ही मामला गढ़ीमलहरा थाना क्षेत्र के लुगासी गांव में देखने को मिला। राजाराम कुशवाहा की पुत्री अनीता कुशवाहा का विवाह गनेशपुरा निवासी तुलसीदास के पुत्र बृजगोपाल से डेढ़ साल पहले हुआ था। शादी के दो माह तक सबकुछ ठीक-ठाक चलता रहा लेकिन इसके बाद पति व ससुरालीजनों द्वारा उसके साथ मारपीट करनी शुरू कर दी। अनीता के पिता राजाराम कुशवाहा ने बताया कि ससुरालीजनों द्वारा दहेज के नाम पर मोटरसाइकिल की मांग की जाने लगी। गरीबी के चलते हमलोग मोटरसाइकिल नहीं दे सके लेकिन २१ हजार रुपए का जैसे तैसे बंदोबस्त कर के दे लिए। ताकि ससुरालीजन मेरी पुत्री को प्रताडि़त न करें लेकिन यह सिलसिला बंद नहीं हुआ। आय दिन अनीता के साथ उसके ससुरालीजन मारपीट करते रहे। राजाराम ने बताया कि दो माह पहले ससुरालीजन द्वारा अनीता के साथ मारपीट की गई। मारपीट में अनीता के सिर में गंभीर चोटें आईं। जिसे इलाज के लिए ग्वालियर में भर्ती कराया गया। सिर में गंभीर चोट आने से उसका एक साइड का धड़ सुन्न पड़ गया। अब अनीता पूरी तरह से शारीरिक व दिमाम से पूरी तरह सुन्न हो गई है। उसका शरीर व दिमाग काम नहीं कर रहा है। लगातार इलाज कराने के बाद भी उसका स्वास्थ्य बेहतर नहीं हो पा रहा है। इसकी एक छोटी बच्ची है जिसे ससुरालीजन अपने पास रखे हुए हैं।
बेटी को न्याय दिलाने गोद में लेकर भटक रहा पिता
पिछले दो माह से बेटी को न्याय दिलाने के लिए राजाराम कुशवाहा दर-दर भटक रहा है। बेटी के सिर में चोट आने के कारण वह पूरी तरह से मानसिक विक्षिप्त व शारीरिक रूप से अक्षम हो गई है। राजाराम दो माह से सुबह होते ही अपनी बेटी को गोद में लेकर पूरे परिवार के साथ थाने पहुंच जाता है और शाम तक बैठने के बाद शाम को फिर घर वापस आ जाता है। यह सिलसिला करीब चल रहा है। उसने गढ़ीमलहरा थाने में भी लिखित में शिकायत दी लेकिन अब तक उसकी रिपोर्ट नहीं लिखी गई और न ही दहेज लोभियों पर कोई कार्रवाई की गई। राजाराम कुशवाहा अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए छतरपुर पुलिस अधीक्षक कार्यालय आया। जहां पर उसने वरिष्ठ अधिकारियों को अपनी फरियाद सुनाई।
इनका कहना
जैसे ही पीडि़त परिवार थाने आता है तो उसकी रिपोर्ट दर्ज कर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
प्रकाश गड़रिया, थाना प्रभारी गढ़ीमलहरा
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