ट्रक ड्राइवर और पलायन करने वाले मजदूर सबसे ज्यादा हो रहे एचआईवी संक्रमित
15 वर्ष में हुए सवा लाख टेस्ट, एचआईवी संक्रमितों की संख्या पहुंची 295
वर्ष 2006 से जिले में अबतक 36 लोग गवां चुके हैं एड्स से जान
एड्स दिवस आज
Published: 30 Nov 2020, 09:00 PM IST
छतरपुर। कभी लाइलाज बीमारी कही जाने वाली यौनजनित एड्स बीमारी अब साध्य होती जा रही है। शासन के लगातार प्रचार-प्रसार और लोगों के जागरूक होने के कारण बीमारी के आंकड़े को कम किया जा रहा है। सावधानी और समय पर इलाज मिलने की वजह से एड्स जैसी गंभीर बीमारी से पीडि़त लोगों की उम्र में इजाफा देखने को मिल रहा है जिले में एड्स पीडि़तों की संख्या 300 के करीब है। जिले में 15 वर्षों में करीब सवा लाख टेस्ट किए गए हैं। अब तक 36 लोग बीमारी के शिकार होकर जान गवां चुके हैं।
जिला अस्पताल में संचालित एकीकृत परामर्श एवं जांच केन्द्र के आंकड़े बताते हैं कि 2005 से वर्तमान तक 1 लाख 22 हजार 804 लोगों की एचआईवी जांच की गई जिसमें से 295 लोग एचआईवी पॉजिटिव पाए गए। प्रदेश का औसत प्रतिशत 0.65 है जबकि जिले का प्रतिशत 0.24 है। आईसीटीसी के टेक्रोलॉजिस्ट अखिलेश कुशवाहा ने बताया कि जिला अस्पताल में आईसीटीसी के अलावा खजुराहो में भी केन्द्र संचालित है। इसके अलावा जिले के पीएचसी व सीएचसी समेत 48 केन्द्र भी एचआईवी की जांच करते हैं। नोडल अधिकारी डॉ. शरद चौरसिया के मार्गदर्शन में जिला एड्स नियंत्रण समिति कार्य कर रही है। मप्र राज्य एड्स नियंत्रण समिति के माध्यम से गैर सरकारी संस्थाओं को भी इस कार्य में लगाया गया है। अखिलेश कुशवाहा के मुताबिक उनके पास जो आंकड़े आए हैं उनमें ज्यादातर ट्रक ड्राइवर और पलायन करने वाले मजदूर एचआईवी संक्रमण के शिकार हुए हैं। हालांकि रईसजादे भी एचआईवी संक्रमित लोगों की सूची में शामिल हैं। उन्होंने बताया कि 2015-16 और 2016-17 में 4-4 लोगों ने जान गंवाई थी जबकि 2009-10 में 7 लोग एड्स का शिकार होकर काल के गाल में समा गए थे। समय पर जांच और उसके बाद लगातार इलाज लेने वाले लोगों का जीवन चक्र बढ़ गया है।
पिछले साल से चालू वर्ष में हुई आधी जांचें
गत वर्ष एक जनवरी से नवंबर तक करीब 9 हजार लोगों की जांच की गई थी जिसमें से 39 लोगों में एचआईवी के लक्षण पाए गए थे। गत वर्ष दो लोगों की एड्स बीमारी से मौत हो गई थी। कोरोना संक्रमण के कारण इस वर्ष जांचें कम हो सकी हैं। अब तक करीब चार हजार जांचें हुई हैं जिनमें से 16 लोग एड्स संक्रमित पाए गए हैं। एक व्यक्ति की जान चली गई है। इस साल की जांच में पांच महिलाओं, 10 पुरूष व एक गर्भवती महिला में एचआईवी के लक्षण मिले हैं।
27 गर्भवती महिलाओं में थी एड्स की बीमारी, एक बच्चा हुआ संक्रमित
आईसीटीसी की काउंसलर संगीता तिवारी ने बताया कि पिछले 15 वर्षों में 27 गर्भवती महिलाएं एचआईवी पॉजिटिव रही हैं। चूंकि जांच के बाद तुरंत इलाज दिया जाता है इसलिए गर्भ में पल रहे बच्चे को इस गंभीर बीमारी से बचाने में मदद मिलती है। सिर्फ एक बच्चा संक्रमित था जिसे सुरक्षित कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि सागर में जांच कराई जाती है। हालांकि छतरपुर भी लिंक एआरटी केन्द्र बन चुका है। इस केन्द्र के बनने से छतरपुर में एड्स से ग्रसित लोगों को दवाएं उपलब्ध होती हैं। उन्होंने बताया कि बच्चे के जन्म लेने के 18 माह बाद ही वास्तविक स्थिति सामने आती है।
नशा करने वालों में बढ़ रहा एड्स का खतरा
सामाजिक संस्था महिला समिति में एड्स के प्रति जागरूक करने के लिए काम कर रहीं ऋतु मिश्रा ने बताया कि वैसे तो एड्स जैसी गंभीर बीमारी चार प्रकार से फैलती है जिसमें संक्रमित सुई का इस्तेमाल, असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित खून शामिल है लेकिन ड्रग्स लेने वालों में एड्स का खतरा बढ़ रहा है। असुरक्षित यौन संबंध बनाने वाले अप्रवासी लोगों के अलावा ट्रक चलाने वाले लोगों में एड्स जैसी गंभीर बीमारी पनपने की संभावना 90 फीसदी रहती है। वर्तमान में इंजेक्शन के माध्यम से नशीला पदार्थ लेने वाले भी इसकी जद में आ गए हैं। महंगा नशा करने वाले एक ही सीरिंज का उपयोग करते हैं लेकिन यदि उनमें से कोई व्यक्ति एचआईवी संक्रमित है तो यह बीमारी फैलने में देर नहीं लगेगी।
देह व्यापार से बढ़ रहा खतरा
सूत्रों की मानें तो कई ऐसे होटल है जहां जिस्म फरोसी का धंधा चलता है। महिला सेक्स वर्कर इन होटलों में जाकर लोगों की शारीरिक भूख मिटाती हैं लेकिन कई ऐसी भी जानकारी सामने आती हैं जिनमें शारीरिक संबंध बनाने के दौरान सुरक्षा को नजर अंदाज कर दिया जाता है। वैसे तो पूरा जिला रिस्की एरिया है लेकिन अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल होने के कारण खजुराहो को ज्यादा माना जा रहा है।
अब पाइए अपने शहर ( Chhatarpur News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज