छतरपुर। शहर में लगातार हो रही हत्याएं, चोरी, फायरिंग और अवैध शराब बिक्री के मामले को लेकर देर से ही सही लेकिन जिला पुलिस प्रशासन ने सख्त रुख अपना लिया है। एसपी ने जहां दो थाना प्रभारियों को लाइन अटैच कर दिया है। वहीं एडिशनल एसपी ने दो एएसआई और एक सिपाही को भी अपने कर्तव्य में लापरवाही के कारण निलंबित कर दिया है। उधर एसपी ने सिटी कोतवाली टीआई केके खनेजा को भी लास्ट वार्निंग दे दी है।
शहर में पिछले एक सप्ताह में ताबड़तोड़ फायरिंग, चोरी, मारपीट, हत्या सहित कई संगीन अपराध हो रहे हैं। इस मामले को लेकर लगातार शहर के लोगों में आक्रोष फैल रहा है। शनिवार को एडिशनल एसपी ने शहर के ढावों पर जब छापामार कार्रवाई की तो वहां पर अवैध शराब बिकते पकड़ी गई। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एएसपी जयराज कुबेर ने तत्काल प्रभाव से एएसआई अवनीश पांडेय और एएसआई सुरेंद्र रावत सहित प्रधान आरक्षक अशोक रावत को निलंबित कर दिया है। एडिशनल एसपी ने बताया कि शहर में बढ़ते अपराधों के लिए सीधे तौर पर दोनों एएसआई और प्रधान आरक्षक को दोषी मानते हुए यह कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि इनकी जो वीट थी उस क्षेत्र में अवैध शराब बिक रही थी। उन्होंने खुद ही कल ढावों से शराब पकड़ी। इसके अलावा विश्वनाथ कॉलोनी क्षेत्र में बढ़ रहे अपराधों पर भी अंकुश नहीं लगा पा रहे थे। सीधे तौर पर कर्तव्य में लापरवाही मानते हुए यह कार्रवाई की गई है। उधर एसपी विनीत खन्ना ने कोतवाली टीआई केके खनेजा को भी सख्त लहजे में अंतिम चेतावनी देते हुए सिटी कोतवाली क्षेत्र की कानून व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए निर्देश दिए हैं। एसपी खन्ना ने कहा कि अपराधियों को पुलिस किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगी। जैसे भी होगा अपराधों पर अंकुश लगाया जाएगा, इसके लिए भले ही कितनी भी सख्ती करनी पड़े।
शहर में चर्चा, टीआई को बचाने दी गई बलि :
सिटी कोतवाली टीआई केके खनेजा और सिपाही
धर्मेंद्र चतुर्वेदी पर एक नाबालिग दलित युवती द्वारा लगाए गए आरोपों और शहर में हो रही फायङ्क्षरंग, हत्या की घटनाओं के लिए सीधे तौर पर दोषी कोतवाली टीआई के अब तक बचे रहने को लेकर शहर में कई तरह की चर्चाएं हैं। दो एएसआई और एक प्रधान आरक्षक के निलंबन पर लोगों का कहना है कि जन आक्रोश शांत करने और टीआई को बचाने के लिए ही यह कार्रवाई की गई है। थाना क्षेत्र में होने वाले अपराधों और कानून व्यवस्था को लेकर सीधे तौर पर जवाबदेही टीआई को होती है। इसलिए यदि कहीं गड़बड़ी थी तो उसके लिए टीआई पर कार्रवाई होनी चाहिए थी।