प्रकाश बम्होरी थाना इलाके के के मुडहरा निवासी किसान धनीराम कुशवाहा की चार बेटियां, एक बेटा और पत्नी आशा देवी कुशवाहा सोमवार की शाम 6 बजे घर के पास स्थित भैरा पहाड़ की पत्थर खदान में भरे पानी में महामुलिया का विर्सजन करने गए थे। खदान के किनारे पहुंचते ही तीसरे नंबर की बेटी 3 वर्षीय ज्योति का पैर फिसल गया, जिससे वह सीधे खदान में गिर गई। छोटी बहन को डूबते देख सबसे बड़ी बहन 10 वर्षीय आरती भी खदान में कूद गई। लेकिन दोनों डूबने लगे, इतने में उनकी मां भी बेटियों को बचाने के लिए खदान में कूदी, लेकिन तब तक दोनों बहनें पानी में डूब चुकी थी। चीख पुकार सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और महिला को खदान से बाहर निकाला और बच्चियों को भी बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक दोनों की मौत हो चुकी थी। प्रकाश बम्होरी थाना पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले को जांच में लिया है।
खदान में सुरक्षा इंतजाम नहीं
मुडहरा की भैरा पहाड़ी मे कल्याण सिंह पत्थर खदान संचालित करते हैं। खदान से बोल्डर निकाले जाते हैं। लेकिन कुछ समय से खदान बंद है, लेकिन खदान के आसपास न तो तार फेंसिंग की गई, न संकेतक लगाए गए हैं। खदान से 250 मीटर दूर बने आवास में रहने वाले कुशवाहा परिवार के बच्चे गणेश चतुर्थी से नवरात्र प्रांरभ तक स्थानीय ग्रामीणों द्वारा महामुलिया के विर्सजन की परंपरा निभाने खदान पहुंच गए थे। उसी समय ये हादसा हो गया।
मुडहरा की भैरा पहाड़ी मे कल्याण सिंह पत्थर खदान संचालित करते हैं। खदान से बोल्डर निकाले जाते हैं। लेकिन कुछ समय से खदान बंद है, लेकिन खदान के आसपास न तो तार फेंसिंग की गई, न संकेतक लगाए गए हैं। खदान से 250 मीटर दूर बने आवास में रहने वाले कुशवाहा परिवार के बच्चे गणेश चतुर्थी से नवरात्र प्रांरभ तक स्थानीय ग्रामीणों द्वारा महामुलिया के विर्सजन की परंपरा निभाने खदान पहुंच गए थे। उसी समय ये हादसा हो गया।
पहले भी हुए हादसे, सबक नही
29 अक्टूबर 2019 को भी प्रकाश बम्होरी थाना इलाके में पत्थर खदान में डूबने से दो बच्चों की मौत हो गई थी। कंधारी पहाड़ की खदान के निकट स्थित कुशवाहा पुरवा की दो महिलाएं दीपावली के दिन घरों की साफ-सफाई के बाद खदान में भरे पानी में नहाने के लिए गईं थी। उनके साथ उनके दो बच्चे 7 वर्षीय गोलू पुत्र करीम कुशवाहा एवं 8 वर्षीय मनीष पुत्र मंगल कुशवाहा भी साथ चले गए। महिलाएं पोखर में नहाने के बाद घर चली गई लेकिन यह दोनों बच्चे पोखर में नहाते रहे। काफी देर तक जब गोलू और मनीष जब घर नहीं लौटे तो परिजनों ने यहां आकर तलाश की लेकिन जब तक दोनों बच्चे पोखर की गहराई में जाकर डूब चुके थे। लगभग 5 घण्टे चले रेस्क्यू के बाद बच्चों के शव निकाले जा सके। पत्थर खदान में सुरक्षा मानकों का पालन न होने से पहले हुए हादसों से सबक नहीं लिया गया।
29 अक्टूबर 2019 को भी प्रकाश बम्होरी थाना इलाके में पत्थर खदान में डूबने से दो बच्चों की मौत हो गई थी। कंधारी पहाड़ की खदान के निकट स्थित कुशवाहा पुरवा की दो महिलाएं दीपावली के दिन घरों की साफ-सफाई के बाद खदान में भरे पानी में नहाने के लिए गईं थी। उनके साथ उनके दो बच्चे 7 वर्षीय गोलू पुत्र करीम कुशवाहा एवं 8 वर्षीय मनीष पुत्र मंगल कुशवाहा भी साथ चले गए। महिलाएं पोखर में नहाने के बाद घर चली गई लेकिन यह दोनों बच्चे पोखर में नहाते रहे। काफी देर तक जब गोलू और मनीष जब घर नहीं लौटे तो परिजनों ने यहां आकर तलाश की लेकिन जब तक दोनों बच्चे पोखर की गहराई में जाकर डूब चुके थे। लगभग 5 घण्टे चले रेस्क्यू के बाद बच्चों के शव निकाले जा सके। पत्थर खदान में सुरक्षा मानकों का पालन न होने से पहले हुए हादसों से सबक नहीं लिया गया।
इनका कहना है
दोनों शव का पोस्टमार्टम कराया गया है। मर्ग कायम कर डांच की जा रही है, पीएम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
हेमंत नायक, थाना प्रभारी
मौके की जांच कराई जाएगी। यदि वहां फेंसिंग और सुरक्षा के इंतजाम नहीं पाए गए तो प्रतिवेदन तैयार कर अग्रिम कार्रवाई के लिए भेजा जाएगा।
शैवाल सिंह, तहसीलदार, गौरिहार
दोनों शव का पोस्टमार्टम कराया गया है। मर्ग कायम कर डांच की जा रही है, पीएम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
हेमंत नायक, थाना प्रभारी
मौके की जांच कराई जाएगी। यदि वहां फेंसिंग और सुरक्षा के इंतजाम नहीं पाए गए तो प्रतिवेदन तैयार कर अग्रिम कार्रवाई के लिए भेजा जाएगा।
शैवाल सिंह, तहसीलदार, गौरिहार