कोरोना संकट काल में लक्ष्य बढ़ाया गया है। इसके साथ ही मदद पाने वालों की संख्या भी बढ़ी है। पिछले तीन साल में वर्ष 2020 -21 में सबसे ज्यादा 53 लोगों को स्वरोजगार के लिए योजना के तहत मदद मिली। इस वर्ष 56 प्रकरण का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से 72 प्रकरण उद्योग विभाग ने स्वीकृत किए। जिसमें से 53 प्रकरणों को बैंक के जरिए लोन मिला। इसके पहले वर्ष 2019-20 में 49 प्रकरणों का लक्ष्य था, जिसमें 31 प्रकरण ही स्वीकृत हुए और उसमें से केवल 20 को ही बैंक लोन मिला। वही वर्ष 2018-19 में 46 के लक्ष्य के मुकाबले 45 प्रकरण उद्योग विभाग ने स्वीकृत किए, जिसमें से 37 प्रकरणों को ही बैंक लोन मिला।
पीएमईजीपी (पीएमईजीपी) स्कीम में आपको स्व रोजगार के लिए दो तरह के लोन मिल सकते हैं। अगर सर्विस सेक्टर के लिए काम करना चाहें तो अलग और अगर आप कोई फैक्ट्री लगाना चाहें तो उसके लिए अलग स्कीम है। सर्विस सेक्टर से जुड़ा बिजनेस करना चाहते हैं तो आपको पीएमईजीपी में 15 लाख रुपए तक का लोन मिल सकता है। अगर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने के लिए लोन लेना चाहते हैं तो आप पीएमईजीपी में 25 लाख रुपए तक का लोन ले सकते हैं। ये लोन उद्यमी, संस्थान,को-ऑपरेटिव सोसायटी, सेल्फ हेल्प ग्रुप (स्वयं सहायता समूह या एसएचजी) और ट्रस्ट लोन पाने के लिए आवेदन कर सकते हैं।