शहर के अमानगंज मोहल्ला में रहने वाले हीरालाल राठौर के की पुत्री रचना राठौर छतरपुर तहसील में पटवारी के पद पर पदस्थ हैं। कुछ साल पहले उसकी पटवारी के पद पर नौकरी लगी थी। 10 माह की उम्र में पोलियो से ग्रस्त दुल्हन रचना पैरों से दिव्यांग है। उसकी शादी मोहन राठौर के साथ तय हुई। मोहर पूरी तरह सामान्य है। शादी की तिथि ५ मार्च को निर्धारित थी। सोमवार की रात पूरे रीति रिवाजों के साथ दोनों का विवाह संपन्न हुआ। एसडीएम रविंद्र चौकसे, तहसीलदार आलोक वर्मा, पटवारी संघ के तहसील अध्यक्ष रघुनाथ सिंह गौड़ सहित सैकड़ों लोग इस शादी के गवाह बने। इस शादी में दूल्हा-दुल्हन की जोड़ी अनूठी रही। मोहन राठौर बारात लेकर पहुंचा। वरमाला का समय आया तो दिव्यांग दुल्हन को उसके भाई बहन गोद में उठाकर स्टेज लेकर पहुंचे।
दुल्हन के लिए कुर्सी लगाई गई। दूल्हा भी कुर्सी लगाकर बैठा और उसने दुल्हन को वरमाला पहनाई। इसके बाद जब सात फेरों का समय आया तो नजारा देखने लायक था। मोहन राठौर ने रचना को गोद में उठाकर अग्नि के सात फेरे लिए और सात वचन निभाने का वादा किया। पटवारी संघ के तहसील अध्यक्ष रघुनाथ सिंह ने बताया कि उन्होंने पहली बार ऐसी शादी देखी है। यह शादी अनूठी रही। मोहन ने रचना के साथ शादी कर पूरे समाज के लिए मिशाल कायम की है। दुल्हन की बहन रीना राठौर महिला हॉकी प्लेयर हैं और रेलवे में पदस्थ है। रीना ने कहा कि बहन को फेरे लेने के लिये असहाय नहीं होना पड़ा। उसके जीवनसाथी ने गोद में लेकर फेरे लिए। पूरा परिवार इस शादी से बेहद खुश है।