कलेक्टर ने ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत बनाए गए स्वसहायता समूह एवं संगठनों के माध्यम से कुपोषित बच्चों के माताओं को समूहों के साथ जोड़कर उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार करने हेतु प्रयास करने के निर्देश दिए। इसी के साथ उन्होंने कहा कि समूहों की महिलाओं को आंगनबाड़ी केन्द्रों में आयोजित किए जाने वाले गोद भराई जैसे कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया जाए और इन कार्यक्रमों में ज्यादा से ज्यादा पुरूष भागीदारी को भी प्रोत्साहित किया जाए। इस तरह हम जेण्डर सेंसेटाईजेशन कर पाएंगे।
बैठक के दौरान कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने बताया कि जिले में कुपोषण का सबसे बड़ा कारण गर्भवती महिलाओं को पर्याप्त पोषण और मार्गदर्शन प्राप्त न होना है। इसी के साथ ही जिले में संस्थागत प्रसव, एएनसी चैकअप का प्रतिशत बहुत ही कम पाया गया है। इसलिए गर्भवती महिलाओं और बच्चों को स्वस्थ्य एवं पोषित करने और स्थिति मेें सुधार के लिए जिले में वसुधा अभियान शुरू किया जाएगा। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य गर्भवती महिलाओं का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण एवं सुरक्षित प्रसव रहेगा। वसुधा अभियान के अंतर्गत प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्र द्वारा शत प्रतिशत गर्भवती महिलाओं का पंजीयन कराया जाएगा, जिसके उपरांत इन गर्भवती महिलाओं की जांच नियुक्त किए गए डॉक्टरों द्वारा की जाएगी। गर्भवती माताओं में से हाई रिस्क के लक्षण वाली महिलाओं से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता एवं एएनएम द्वारा संबंधित महिलाओं के घरों में जाकर नियमित फॉलोअप लिया जाएगा।
बैठक के दौरान कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने बताया कि जिले में कुपोषण का सबसे बड़ा कारण गर्भवती महिलाओं को पर्याप्त पोषण और मार्गदर्शन प्राप्त न होना है। इसी के साथ ही जिले में संस्थागत प्रसव, एएनसी चैकअप का प्रतिशत बहुत ही कम पाया गया है। इसलिए गर्भवती महिलाओं और बच्चों को स्वस्थ्य एवं पोषित करने और स्थिति मेें सुधार के लिए जिले में वसुधा अभियान शुरू किया जाएगा। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य गर्भवती महिलाओं का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण एवं सुरक्षित प्रसव रहेगा। वसुधा अभियान के अंतर्गत प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्र द्वारा शत प्रतिशत गर्भवती महिलाओं का पंजीयन कराया जाएगा, जिसके उपरांत इन गर्भवती महिलाओं की जांच नियुक्त किए गए डॉक्टरों द्वारा की जाएगी। गर्भवती माताओं में से हाई रिस्क के लक्षण वाली महिलाओं से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता एवं एएनएम द्वारा संबंधित महिलाओं के घरों में जाकर नियमित फॉलोअप लिया जाएगा।