ग्रामीणों को नहीं मिला लकड़ी का भुगतान, सेवा शुल्क देने के लिए सीएम से मांगी सहायता
छतरपुरPublished: Jul 19, 2019 03:41:35 pm
5 ग्रामीणों ने मालिक मकबूजा के तहत वन विभाग को बेची 41 लाख की लकड़ीसितंबर 2018 में हुई नीलामी, अब तक नहीं मिला भुगतान,वन विभाग के कर्मचारियों पर सुविधा शुल्क मांगने का आरोप
छतरपुर। गगंवाहा के 4 ग्रामीण और कटारा के एक ग्रामीण ने मालिक मकबूजा के तहत अपनी लकड़ी वन विभाग के जरिए नीलामी में बेची। इन ग्रामीणों की लकड़ी सितंबर 2018 में नीलाम हो गई, लेकिन अभी तक भुगतान नहीं मिला है। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा कुल राशि का 10 फीसदी सुविधा शुल्क मांगने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री से सहायता मांगी है। ग्रामीणों का आरोप है कि, सीएम हेल्प लाइन और डीएफओ को शिकायत करने के बाद भी उनका भुगतान नहीं किया जा रहा है।
ये है पूरा मामला
जिले के बमीठा थाना इलाके के गंगवाहा गांव के ग्रामीण मथुरा तनय गुमना अहिरवार, गंगू तनय बारे लाल अहिरवार, कन्हैया तनय कमोदा अहिरवार, गोकल तनय कमोदा अहिरवार और ग्राम कटारा निवासी गनपत तनय महादेव ब्राह्मण ने 20 सितंबर 2018 को अपनी लकड़ी वन विभाग की नीलामी के जरिए बेची। जिसका उठाव नवंबर में करते हुए क्रेताओं ने विभाग को भुगतान भी कर दिया। लेकिन इन ग्रामीणों के 41 लाख 47 हजार 690 रुपए का भुगतान आजतक नहीं हो सका है। इन ग्रामीणों ने जून 2019 में सीएम हेल्पलाइन और 1 जुलाई को डीएफओ को लिखित पत्र के जरिए रुपए का भुगतान करने की मांग की, लेकिन उनकी सुनवाई आज तक नहीं हो सकी है। ग्रामीणों का आरोप है, कि वन विभाग के कर्मचारी दस प्रतिशत सुविधा शुल्क मांग रहे हैं, जो न देने पर भुगतान अटकाया गया है।
सीएम से मांगी सहायता
ग्रामीणों ने सीएम कमलनाथ को लिखे पत्र में सारी परिस्थति बताते हुए उनसे मुख्यमंत्री स्वेच्छा अनुदान मद से 4 लाख 15 हजार की आर्थिक मदद मांगी है, ताकि वन विभाग के कर्मचारियों को सुविधा शुल्क देकर अपने हक की लकड़ी की राशि का भुगतान करवा सकें। ग्रामीणों ने इस पत्र की कॉपी वन मंत्री, मुख्य वन संरक्षक, कलेक्टर,नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री को भी भेजी है।