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छतरपुर

सड़क नहीं होने से कई गांवों में ग्रामीणों में है नाराजगी, ग्रामीणों ने कहा विकास नहीं तो वोट नहीं

ग्रामीण क्षेत्रों में बने गड्डों की सड़क ग्रामीणों में नाराजगी

छतरपुरNov 12, 2018 / 12:36 pm

rafi ahmad Siddqui

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उन्नत पचौरी
छतरपुर। साल 2018 में हो रहे विधानसभा चुनाव में मतदान की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आती जा रही है वैसे ही लोगों के मुद्दे भी निकल कर सामने आ रहे हैं। समस्याओं से निजात नहीं मिलने के कारण मतदाताओं में नेताओं के प्रति नाराजगी भी खुलकर सामने आने लगी है। जिले में विभिन्न विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सड़क विहीन ग्रामों में दर्जनों बार आवेदन देने और मिन्नतें करने के बाद भी प्रतिनिधियों द्वारा विकास नहीं कराया गया। जिले के चंदला क्षेत्र के सरवई और गौरिहार से करीब १० किमी दूर जरैला गांव के लोगों द्वारा सड़क नहीं होने से नाराज ग्रामीणों ने गांव में नेताओं के आने पर रोक लगा दी गई। इसकी सूचना मिलते ही प्रशासन मौके पर पहुंचा लेकिन कोई समाधान नहीं हो सका। जिसके बाद अभी भी जिसके दर्जनों गांव के ग्रामीणों द्वारा विकास नहीं तो वोट नहीं, सड़क नहीं तो वोट नहीं की जिद पकडे हैं। वहीं प्रत्येक विधानसभा में दर्जनों गांव ऐसे हैं जहां पर कई वर्षों पहले सड़क बनाई गई थी तो पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है और वहां पर निकालते समय धूल के गुबार उड़ते है। बड़ी-बड़ी गिट्टीयां बिखरी पड़ी है। इनप गंव के लोगों ने कहा के उन्होंने सड़क सुधार को लेकर कई बार आंदोलन किया। लेकिन कोई असर नहीं पड़ा। कई बार स्थानीय विधायक भी इस मार्ग से गुजरे और गांव में भी आए तब इस समस्या से रूबरू कराया गया लेकिन इसके बाद भी समाधान नहीं किया गया। जिससे ग्रामीणों द्वारा सड़क नहीं तो वोट नहीं देने का ऐलान चुनाव के काफी पहले किया था। लेकिन तब जनप्रतिनिधी और प्रशासन सोता रहा है और अब चुनाव के नजदीक आते ही ऐसे गांव में जाकर अधिक से अधिक वोट देने को कह कर रस्म अदायगी की जा रही है।

ये रहे जर्जर सड़क और सड़क विहीन गांव

राजनगर विधानसभा
पहाड़ी वावन, धौगवां, अकौना, नारायणपुरा, अंधयारी बारी, दिदवारा सहित करीब एक दर्जन से अधिक गांव में अभी तक सड़क नहीं बनाई गई। वहीं विधानसभा क्षेत्र में करीब दो दर्जन से अधिक गांव में बनाई गई सड़कें काफी जर्जर हाल में हैं जिससे लोगों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्र के कई गांवों के लोगों द्वारा बार बार मांग करने के बाद भी स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा ध्यान नहीं दिया गया। जिससे आहत होकर कुछ गांवों के लोगों द्वारा सड़क नहीं तो वोट नहीं देने का भी आवेदन दिया था। लेकिन इसके बाद भी अभी तक लोगों जद्दोजहद कर रहे हैं।

महाराजपुर विधानसभा
क्षेत्र के मानपुरा, बरिया, झींझन, कैमाहा, दौनी,चंदौरा, पुरवा, लहेरा, बरा, कीरतपुरा, सलैया, आमखेरा, नैगुवां, चपरन आदि गांवों में सड़क नहीं होने से लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
वहीं चपरन गांव के ग्रामीणों द्वारा गांव में बैनर लगाकर सड़क नहीं तो बोट नहीं देने की बात कही है। इसकी जानकारी प्रशासन और नेताओं को होने के बाद भी प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।

मलहरा विधानसभा
बडामलहरा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम रानीताल, रानीखेरा, रैपुरा, बिनैदा, भनगुवां में भी यही हाल है। यहां पर रानीखेरा गांव में सड़क नहीं होने पर ग्रामीणों द्वारा सड़क नहीं तो वोट नहीं देने का ऐलान किया था।

चंदला विधानसभा
जरैला, जरैहटा, मनवारा से सिसोलर, पहरा से मनवारा, सीलप, पड़वार, मवई, रावपुर सहित करीब डेढ़ दर्जन से अधिक गांव सड़क विहीन हैं यहां पर अभी तक सड़के नहीं बनवाई जा सकीं। वहीं इसके अलावा विधानसभा क्षेत्र में कई गांवों में सड़कें पूरी तरह से जर्जर होने के बाद अभी तक सुधारीकरण नहीं कराया गया है। जिससे लोगों को खासी परेशानी हो रही है।

बिजावर विधानसभा
पाली से उताली और रैपुरा के लिए कच्चा रास्ते है वहीं बम्हौरी, दमौतीपुरा, देवरी, बैरागढ़, नारायनपुरा, महुआझाला, कंजरपुर आदि गांवों में सड़के नहीं बनाई गई हैं कुछ गांव में सड़कें बनाई गई लेकिन वह भी जर्जर हो चुकी हैं।

नेता जी बोले ……

-चंदला के विधायक आरडी प्रजापति से उसके क्षेत्र में सड़क नहीं होने और कई गांव की सड़कें जर्जर होने के बारे में बात की गई तो वह सही जवाब नहीं दे सके। उनका कहना था कि उन्होंने से क्षेत्र के सभी गांवों के लिए सड़कें पास कराई गई हैं। इनमें चुनाव के बाद कार्य शुरू हो जाएगा। इसके बाद अन्य सवालों के जवाब नहीं देते हुए फोन बंद कर लिया।

विधायक के नहीं है जानकारी
बडामलहरा की विधायक रेखा यादव का कहना है कि उन्होंने कई गांवों में विकास कार्य कराए हैं और कुछ गांव वन विभाग की भूमि में होने से विकान नहीं हों सका। वहीं क्षेत्र के रानीखेरा गांव के बारे में उन्होंने कहा कि उनको जानकारी नहीं है। किया यहां पर सड़क है या नहीं बनी। हालाकि इस गांव में अभी भी ग्रामीण नदी को पार कर निकल रहे हैं।

राजनगर विधायक विक्रम सिंह ने बताया कि क्षेत्र के अकौना सहित करीब आधा दर्जन से अधिक गांवों में सन् 2005 में सडकें पास हो गई थीं। लेकिन वन रेंज की अनुमति नहीं मिलने से अभी तक सड़कें नहीं बन सकी। जिससे ग्रामीणों को परेशान होना पड़ रहा है।

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