नियमों पर मनमानी भारी
जिला परियोजना समन्वयक और जिला शिक्षा अधिकारी की मनमानी के आगे मप्र राज्य शिक्षा केंद्र के नियम बेअसर है। अधिकारी के संरक्षण में वार्डनें अपने तरीके से छात्रावासों का संचालन कर रही है। नियमानुसार वार्डन का कार्यकाल 3 साल निर्धारित है। ऐसी महिला शिक्षिका जिसकी शाला छात्रावास से 2 किमी दूरी पर स्थित हो, सहायक शिक्षका, सहायक अध्यापिका, उच्चश्रेणी शिक्षिका या फिर अध्यापिका के पद पर कार्यरत हो, बच्चे 05 वर्ष से अधिक आयु के हो, आवेदिका आवासीय विद्यालय, छात्रावास में निवास करने सहमत हो, सक्रिय समर्पित भाव से कार्य करने वाली शिक्षिकाओं को छात्रावास का अतिरिक्त प्रभार दिया जाता है। विभागीय सांठगाठ से अधिकांश स्थानों पर नियम विरुद्ध तरीके से वार्डनें वर्षों से अपने कर्तव्यों की पूर्ति कर रही है।
राज्य शिक्षा केंद्र का आदेश हवा
तत्कालीन जिला परियोजना समन्वयक ने विगत 30 जून 2017 को जारी पत्र में मप्र राज्य शिक्षा केंद्र का हवाला देते हुआ लिखा था कि जिले के ईशानगर, महाराजपुर, भगवां, बकस्वाहा, गौरिहार, चंदला, किशनगढ, चुरवारी, बड़ामलहरा, पहरा, सटई, बिजावर व छतरपुर में सर्वंशिक्षा अभियान अंतर्गत संचालित शासकीय कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय व बालिका छात्रावासों में वाडज़्न पद के अतिरिक्त प्रभार दिए जाना प्रस्तावित है। इच्छुक महिला शिक्षिका 7 दिवस के अंदर कार्यांलय में सहमति पत्र प्रस्तुत करें। बताया जाता है कि जिला परियोजना समन्वयक, जिला शिक्षा केंद्र का यह पत्र कमाऊ साबित हुआ। विभागीय सूत्रों की माने तो जिले के अधिकारी ने पत्र की धौंस दिखाकर अपनी जेबें गर्म कर ली और अतिरिक्त प्रभार की प्रक्रिया को ठेंगा दिखा दिया। अपनी नीति में सफ ल होने के पश्चात जिला अधिकारी ने आगामी सत्र 2018 में पुन: यह खेल शुरू कर दिया और जिले के 15 पदों पर वार्डनों के अतिरिक्त प्रभार के लिए 24 मई 2018 को विज्ञप्ति जारी की। विज्ञप्ति पत्र में उन्होंने लिखा कि मप्र राज्य शिक्षा केंद्र ने 11 अगस्त 2017 को पत्र क्रमांक 5881 एवं 31 माचज़् 2018 को पत्र क्रमांक 1848 पालन के लिए कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय एवं बालिका छात्रावास में वार्डन पद के अतिरिक्त प्रभार प्रक्रिया शुरू की जाना है। निर्धारित आहर्ताओं सहित इच्छुक महिला शिक्षिकाएंं 2 जून 2018 कार्यालय में या डाक से आवेदन प्रारूप प्रस्तुत किए जा सकते है। निर्धारित अंतिम तिथि तक 44 आवेदन फार्म जमा किए गए थे। अधिकारियों ने इस बार लंबा हांथ मारने, प्रक्रिया को आगे बढ़ा दी और चयन सूची भी तैयार कर तैयार कर ली। पूरा दबाब बनाने के पश्चात अधिकारियों में एक बार फिर अधीक्षिकाओं को कोर्ट का रास्ता दिखा दिया। जिले की अधिकांश अधीक्षिकाएं कोर्ट के स्थगन आदेश पर छात्रावासों की बागडोर संहाले हुए है। माना जा रहा है कि अधीक्षिकाओं को अभयदान देने के उद्देश्य से अधिकारी ने स्थगन आदेश पर कोर्ट में जबाबनामा पेश नहीं किया।
नए सत्र से नई व्यवस्था देखने को मिलेगी
&मप्र राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा संचालित कस्तूरबा गांधी बिद्यालय व बालिका छात्रावास की वाडज़्नों को 3 वषज़् के लिये अतिरिक्त प्रभार पर रखा जाता है। 3 वर्षीय कार्यकाल के उपरांत नए तरीके से पद पूर्ति प्रक्रिया के तहत अतिरिक्त प्रभार दिया जाता है। अधिकांश स्थानों पर वाडज़्नें न्यायालय से स्थगन आदेश लिए है। मैने न्यायालय में जबाबनामा प्रस्तुत किया है। नए सत्र में नई व्यवस्था देखनें को मिलेगी। प्रक्रिया के तहत महिला शिक्षिकाओं को अतिरिक्त प्रभार दिया जाएगा।ज्ज्
एचएस त्रिपाठी, जिला परियोजना समन्वयक, जिला शिक्षा केंद्र
कहां कितनें सालों से जमीं अधीक्षिकाएं
शासकीय कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास
स्थान वार्डन नियुक्ति समय
भगवां नफीसा खान 18 अप्रैल 2006 13 साल
गौरीहार पुष्पा मिश्रा 10 जुलाई 2011 8 साल
किशनगढ सुमन गुप्ता 23 अक्टूबर 2016 3 साल
बकस्वाहा लता विलथर 20 अप्रैल 2012 7 साल
ईशानगर लक्ष्मी घनघोरिया 3 अगस्त 2005 14 साल
चंदला लीला अहिरवार 18 जुलाई 2007 12 साल
महाराजपुर रामकली चौरसिया 30 सितम्बर 2011 8 साल
बमीठा प्रतिमा शुक्ला 13 अक्टूबर 2014 3 साल
शासकीय बालिका छात्रावास
स्थान वार्डन नियुक्ति समय
बड़ामलहरा संध्या मिश्रा 05 जनवरी 2012 07 साल
पहरा अनुरागी 13 अगस्त 2015 04 साल
बिजावर नीलम संसिया 18 अप्रैल 2006 13 साल
सटई हरिओम द्विवेदी 13 अप्रैल 2016 3 साल
छतरपुर ममता पटैरिया 11 फरवरी 2016 3 साल
पठा नीलम सक्सेना 22 जुलाई 2016 3 साल