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जलकुंभी के कारण घास का मैदान दिखने वाले संकटमोचन तालाब में दिखने लगी पानी की हिलोरें

locationछतरपुरPublished: May 29, 2022 05:04:24 pm

Submitted by:

Dharmendra Singh

सामाजिक कार्यकर्ताओं की मेहनत से 90 प्रतिशत जलकुंभी हुई साफ, अब होगा सौंदर्यीकरण

  अमृतम् जलम्

अमृतम् जलम्


छतरपुर। जलकुंभी से सिमटते संकटमोचन तालाब का अमतम् जलम् थीम पर जीर्णोउद्धार अभियान अब रंग लाने लगा है। 13 एकड़ में फैला संकटमोचन तालाब जलकुंभी के कारण घास का मैदान नजर आता था, जो अब फिर से तालाब की शक्ल अख्तियार करने लगा है। जलकुंभी के नीचे दम तोड़ रहे तालाब में अब पानी की हिलोरे दिखाई देने लगी हैं। इसके साथ ही लोग वोटिंग का लुफ्ट उठाने लगे हैं। तालाब की 90 फीसदी जलकुंभी निकाल ली गई है और अब पूरी जलकुंभी निकालने के बाद तालाब का सौंदर्यीकरण व पौधारोपण भी किया जाएगा।
एक संकल्प ने बदल दी तस्वीर
हमारे पूर्वजों ने शहर की जल आपूर्ति को दृष्टिगत रखते हुए अनेको जलस्रोतों का निर्माण कराया ताकि शहरवासियों को जलसंकट का सामना न करना पड़े, लेकिन देखरेख के आभाव व जलस्रोतों के प्रति उदासीनता व लापरवाही ने तालाबों को जलकुंभी, गंदगी व अतिक्रमण का शिकार बना लिया। शहर के तालाबों की स्थिति को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी नगर मड़ल के द्वारा शहर के प्राचीन संकटमोचन तालाब की सफाई का बीड़ा उठाया। काम कठिन था लेकिन हौंसले बुलंद थे।
नेक काम के लिए एकजुट हुए लोग
शुरुआत हुई और धीरे धीरे लोग जुड़ते गए। विभिन्न सामाजिक, धार्मिक व्यापारिक संगठनों व सामाजिक कार्यकर्ताओं सहित अन्य लोगों ने इस स्वच्छता अभियान में अपनी आहुति दी। प्रतिदिन सुबह श्रमदान करके अपने पसीने की बूंदों को बहाकर तालाब से जलकुंभी निकाली। इतना ही नहीं इन सामाजिक कार्यकर्ताओं ने तालाब को शीघ्र साफ कराने हेतु आपस में धनराशि एकत्रित कर मजदूरों को भी लगाया जिसके फलस्वरूप जलकुंभी जल्द साफ होने लगी। लगातर 15 दिन के अथक प्रयासों व श्रमदान के बाद मेहनत का नतीजा अब दिखने लगा है। तालाब की तस्वीर बदल गई है।
अमृतम् जलम्
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