क्षमता से अधिक आ रहे मरीज
जिले में वायरल फीवर के साथ ही अधित गर्मी के चलते डी-हाइट्रेशन की शिकायत ज्यादा आ रही है। लू लगने के साथ ही उल्टी-दस्त के मरीज सबसे ज्यादा आ रहे हैं। 40 बेड के मेल वार्ड, फीमेल वार्ड में मरीजों की संख्या लगभग दो गुना बनी हुई है। इधर, जिला अस्पताल की ओपीडी का औसत 1000 मरीज रोजाना से ऊपर बना हुआ है। अवकाश के दिन भी 500 मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं। वहीं मौसम के चलते मरीज को ठीक होने में 4 से 5 दिन तक का समय लग जा रही है।
जिले में वायरल फीवर के साथ ही अधित गर्मी के चलते डी-हाइट्रेशन की शिकायत ज्यादा आ रही है। लू लगने के साथ ही उल्टी-दस्त के मरीज सबसे ज्यादा आ रहे हैं। 40 बेड के मेल वार्ड, फीमेल वार्ड में मरीजों की संख्या लगभग दो गुना बनी हुई है। इधर, जिला अस्पताल की ओपीडी का औसत 1000 मरीज रोजाना से ऊपर बना हुआ है। अवकाश के दिन भी 500 मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं। वहीं मौसम के चलते मरीज को ठीक होने में 4 से 5 दिन तक का समय लग जा रही है।
लैब पर भी जांच का भार बढ़ा
जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या बढऩे से रोजाना सेंट्रल लैब में 500 मरीज पहुंच रहे हैं। लैब पर भार बढऩे से आधे मरीजों को जांच रिपोर्ट शाम तक न मिलकर अगले दिन मिल पा रही है। इसी तरह डॉक्टरों के चैंबर के बाहर भी मरीजों की संख्या बढऩे से लाइन में समय अधिक लग रहा है। इसके बाद दवाई की लाइन का भी यही हाल है। एक मरीज को रजिस्ट्रेशन पर्चा बनवाने, डॉक्टर को दिखाने और दवाई लेने में एक घंटे से अधिक का समय लग जा रहा है।
जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या बढऩे से रोजाना सेंट्रल लैब में 500 मरीज पहुंच रहे हैं। लैब पर भार बढऩे से आधे मरीजों को जांच रिपोर्ट शाम तक न मिलकर अगले दिन मिल पा रही है। इसी तरह डॉक्टरों के चैंबर के बाहर भी मरीजों की संख्या बढऩे से लाइन में समय अधिक लग रहा है। इसके बाद दवाई की लाइन का भी यही हाल है। एक मरीज को रजिस्ट्रेशन पर्चा बनवाने, डॉक्टर को दिखाने और दवाई लेने में एक घंटे से अधिक का समय लग जा रहा है।
फैक्ट फाइल तारीख ओपीडी मरीज
06 मई 1175
05 मई 1146
4 मई 1285
3 मई 533
2 मई 1276
1 मई 422