दरअसल, छतरपुर जिले के सरानी गांव में शौचालय निर्माण का काम चल रहा है। रोजगार सहायक जितेंद्र सिंह शौचालयों के निर्माण के बाद फोटो सत्यापित कर हितग्राही के खाते में रुपये डालने के लिए लगातार नीलम तिवारी के कार्यालय का चक्कर काट रहा था। लेकिन ब्लॉक कोऑर्डिनेटर नीलम तिवारी लगातार उससे पैसे की मांग कर रही थी। इससे परेशान होकर रोजगार सहायक ने लोकायुक्त पुलिस से शिकायत की। लोकायुक्त की टीम ने शुरुआती जांच में मामले को सही पाया।
ऑफिस में ही ट्रैप हुई महिला अफसर
रोजगार सहायक ने हितग्राहियों के खाते में शौचालय निर्माण की राशि डालने के लिए महिला अफसर से 500 रुपये प्रति शौचालय की दर से रिश्वत की राशि तय की। 13 शौचालय की राशि के बदले महिला अफसर ने 6500 रुपये की मांग की थी। रोजगार सहायक ने पहले एक हजार रुपये की राशि की भुगतान कर दी थी। मंगलवार को वह अपने ऑफिस में 5500 रुपये ले रही थी। तभी लोकायुक्त की पुलिस ने रंगेहाथ पकड़ लिया है।
रोजगार सहायक ने हितग्राहियों के खाते में शौचालय निर्माण की राशि डालने के लिए महिला अफसर से 500 रुपये प्रति शौचालय की दर से रिश्वत की राशि तय की। 13 शौचालय की राशि के बदले महिला अफसर ने 6500 रुपये की मांग की थी। रोजगार सहायक ने पहले एक हजार रुपये की राशि की भुगतान कर दी थी। मंगलवार को वह अपने ऑफिस में 5500 रुपये ले रही थी। तभी लोकायुक्त की पुलिस ने रंगेहाथ पकड़ लिया है।
लोकायुक्त पुलिस की टीम ने महिला अधिकारी के बैग से स्याही लगे हुए रुपये भी बरामद कर लिए है। वहीं, उप पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार खेड़े विपुस्था ने कहा कि शौचालय निर्माण की राशि रिलीज करने के लिए वह रिश्वत ले रही थीं। शिकायतकर्ता के आरोपों की जांच की गई तो मामला सही निकला। उसके बाद महिला अधिकारी को लोकायुक्त की पुलिस ने ट्रैप किया है।
चेहरे पर शिकन नहीं
रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार हुई महिला अफसर नीलम तिवारी के चेहरे पर कोई शिकन नहीं था। वह लोकायुक्त की टीम के सामने भी निर्लज्जता के साथ मुस्कुरा रही थीं।
रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार हुई महिला अफसर नीलम तिवारी के चेहरे पर कोई शिकन नहीं था। वह लोकायुक्त की टीम के सामने भी निर्लज्जता के साथ मुस्कुरा रही थीं।