जानकारी के अनुसार, प्रज्ञा पालीवाल बेगंलरू की एक कंपनी में काम करती है। कंपनी उसे ट्रैनिंग के लिए थाईलैंड भेजा था, जहां फुकेट शहर में उसकी एक हादसे में मौत हो गई। प्रज्ञा के शव को भारत लाने में मुश्किल हो रही है। क्योंकि परिवार के किसी भी सदस्य के पास पासपोर्ट नहीं है। जिसको लेकर पीड़ित परिवार छतरपुर विधायक आलोक चतुर्वेदी के घर पहुंचे थे।
मध्यप्रदेश के सीएम कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा है- प्रदेश के छतरपुर की बेटी प्रज्ञा पालीवाल के ट्रेनिंग के दौरान थाईलैंड के फूकेट शहर में हादसे में हुई मौत की ख़बर बेहद दुःखद। परिवार के किसी सदस्य के पास पासपोर्ट नहीं , पार्थिव शरीर लाने में दिक्कत हो रही है। परिवार परेशान ना हो, सरकार आपके साथ है। हर संभव मदद के निर्देश। विदेश मंत्रालय से सरकार चर्चा कर शव लाने का प्रयास करेगी। परिवार के सदस्य जाना चाहे तो उसका भी सरकार पूरा इंतज़ाम करेगी।
जानकारी के अनुसार, प्रज्ञा क्यू नेट कंपनी के लिए काम करती थीं। उसकी कॉन्फ्रेंस में शामिल होने बैंकॉक गयी थीं। छतरपुर में रह रहे प्रज्ञा के परिवार के किसी सदस्य के पास पासपोर्ट नही है। इसलिए शव लाने के लिए थाईलैंड जाने में उन्हें दिक्कत हो रही है।