नगरपालिका कॉम्पलैक्स ठंडे बस्ते में
बस स्टैंड के पास नगरपालिका की सराय कॉम्पलेक्स बनाने के लिए तोड़ दी गई। लेकिन कॉम्पलेक्स का निर्माण नहीं हो सका। कानूनी अड़चनों एवं तकनीकी समस्याओं के 9 साल से चलते अधूरे पड़े इस निर्माण कार्य को नए सिरे से किए जाने के निर्देश अप्रेल में जारी हुए। लेकिन नगरीय निकाय की चुनाव की आचार संहिता के चलते कॉम्पलेक्स निर्माण की फाइल एक बार फिर अटक गई है। मार्च 2022 में छतरपुर विधायक आलोक चतुर्वेदी के द्वारा विधानसभा में इस अधूरे निर्माण कार्य के संबंध में प्रश्न उठाया गया था, जिसके बाद नगरीय निकाय विभाग के प्रमुख सचिव मनीष सिंह ने नगर पालिका छतरपुर को निर्देशित किया है कि इस कॉम्पलेक्स का निर्माण नए सिरे से किया जाए। इस निर्माण कार्य अधूरे पड़े होने के कारण एक ओर जहां पुरानी सरायं के तोड़े जाने से बेघर हुए 23 दुकानदार ठोकरें खा रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ शहर में सराय का अभाव भी है।
बस स्टैंड के पास नगरपालिका की सराय कॉम्पलेक्स बनाने के लिए तोड़ दी गई। लेकिन कॉम्पलेक्स का निर्माण नहीं हो सका। कानूनी अड़चनों एवं तकनीकी समस्याओं के 9 साल से चलते अधूरे पड़े इस निर्माण कार्य को नए सिरे से किए जाने के निर्देश अप्रेल में जारी हुए। लेकिन नगरीय निकाय की चुनाव की आचार संहिता के चलते कॉम्पलेक्स निर्माण की फाइल एक बार फिर अटक गई है। मार्च 2022 में छतरपुर विधायक आलोक चतुर्वेदी के द्वारा विधानसभा में इस अधूरे निर्माण कार्य के संबंध में प्रश्न उठाया गया था, जिसके बाद नगरीय निकाय विभाग के प्रमुख सचिव मनीष सिंह ने नगर पालिका छतरपुर को निर्देशित किया है कि इस कॉम्पलेक्स का निर्माण नए सिरे से किया जाए। इस निर्माण कार्य अधूरे पड़े होने के कारण एक ओर जहां पुरानी सरायं के तोड़े जाने से बेघर हुए 23 दुकानदार ठोकरें खा रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ शहर में सराय का अभाव भी है।
45 लाख खर्च के बाद रुका काम
शहर के पठापुर तिराहा पर जन सहयोग से राम जानकी कुंड और नाले का निर्माण किया जा रहा है। लेकिन यह कार्य बंद पड़ा है। कुंड का निर्माण 1.30 करोड़ से होना है। जिसमें से अब तक 45 लाख का निर्माण पूरा कर लिया गया है। वहीं, पठापुर रोड पर नगर पालिका द्वारा 65 लाख की लागत से नाले का निर्माण किया जा रहा है। जिसका संबंधित ठेकेदार द्वारा 70 प्रतिशत निर्माण पूरा कर दिया गया है लेकिन नपा अधिकारियों ने अब तक इस ठेकेदार का एक भी भुगतान नहीं किया है। इसलिए इस ठेकेदार के लाखों रुपए फंस गए हैं। जिससे परेशान होकर उसने निर्माण कार्य ही बंद कर दिया है।
शहर के पठापुर तिराहा पर जन सहयोग से राम जानकी कुंड और नाले का निर्माण किया जा रहा है। लेकिन यह कार्य बंद पड़ा है। कुंड का निर्माण 1.30 करोड़ से होना है। जिसमें से अब तक 45 लाख का निर्माण पूरा कर लिया गया है। वहीं, पठापुर रोड पर नगर पालिका द्वारा 65 लाख की लागत से नाले का निर्माण किया जा रहा है। जिसका संबंधित ठेकेदार द्वारा 70 प्रतिशत निर्माण पूरा कर दिया गया है लेकिन नपा अधिकारियों ने अब तक इस ठेकेदार का एक भी भुगतान नहीं किया है। इसलिए इस ठेकेदार के लाखों रुपए फंस गए हैं। जिससे परेशान होकर उसने निर्माण कार्य ही बंद कर दिया है।
डिवाइडर का काम भी बंद
पुराना पन्ना नाका से रेलवे स्टेशन तक नगर पालिका द्वारा 68 लाख की लागत से डिवाइडर का निर्माण किया जा रहा है। जिसका नपा प्रशासन ने पिछले एक माह से भुगतान नहीं किया है, इसलिए ठेकेदार ने बजट के अभाव में निर्माण काम बंद कर दिया है। इधर, बिजावर नाका स्थित भैंसासुर मुक्तिधाम में 55 लाख की लागत से शव दाह गृह का निर्माण नगर पालिका छतरपुर द्वारा किया जा रहा है। जिसका निर्माण कार्य बंद पड़ा है। जबकि ठेकेदार द्वारा मुक्तिधाम में निर्मित शव दाह गृह के भवन की दीवरें 8-8 फीट तक खड़ी कर दी गई हैं। निर्माण कार्य 40 प्रतिशत के करीब पूरा हो जाने के बाद भी नपा प्रशासन ने ठेकेदार का भुगतान नहीं किया है, इसलिए उसने निर्माण कार्य बंद कर दिया है। इसलिए 55 लाख की लागत से निर्मित शव दाह गृह का उपयोग बारिश के बाद ही संभव हो पाएगा।
पुराना पन्ना नाका से रेलवे स्टेशन तक नगर पालिका द्वारा 68 लाख की लागत से डिवाइडर का निर्माण किया जा रहा है। जिसका नपा प्रशासन ने पिछले एक माह से भुगतान नहीं किया है, इसलिए ठेकेदार ने बजट के अभाव में निर्माण काम बंद कर दिया है। इधर, बिजावर नाका स्थित भैंसासुर मुक्तिधाम में 55 लाख की लागत से शव दाह गृह का निर्माण नगर पालिका छतरपुर द्वारा किया जा रहा है। जिसका निर्माण कार्य बंद पड़ा है। जबकि ठेकेदार द्वारा मुक्तिधाम में निर्मित शव दाह गृह के भवन की दीवरें 8-8 फीट तक खड़ी कर दी गई हैं। निर्माण कार्य 40 प्रतिशत के करीब पूरा हो जाने के बाद भी नपा प्रशासन ने ठेकेदार का भुगतान नहीं किया है, इसलिए उसने निर्माण कार्य बंद कर दिया है। इसलिए 55 लाख की लागत से निर्मित शव दाह गृह का उपयोग बारिश के बाद ही संभव हो पाएगा।