पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी को चांदी तस्करी की सूचना सुबह ही मिल गई थी। इसके बाद रिंग रोड से लेकर नरसिंहपुर नाका तक पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया। बताया जाता है कि पुलिसकर्मियों ने कार क्रमांक एमपी 20 सीजे 6929 को रिंग रोड पर रोकने का प्रयास किया था, कार सवार पुलिस को देख तेज रफ्तार में निकल गए। बाद में इसी कार को नरसिंहपुर नाका पर पकड़ा गया। पुलिस टीम में कुंडीपुरा टीआई प्रतीक्षा मार्को, धरमटेकड़ी चौकी प्रभारी सहदेव साहू समेत पुलिस स्टाफ शामिल था।
पुलिस ने दोपहर 12 बजे कार से चांदी की पायल जब्त की। इसके बाद पुलिस की फुर्ती देखने लायक थी। पुलिस ने शाम के पहले चारों आरोपियों को न्यायालय में पेश कर जेल पहुंचा दिया। इस दौरान किसी को भी मामले की भनक तक नहीं लग पाई। पुलिस की कार्रवाई पर भी संदेह पैदा हो रहा है कि पुलिस ने बगैर बिल की चांदी होने पर मामला दर्ज कर लिया, लेकिन यह जानने की प्रयास नहीं किया कि यह चांदी किस सराफा व्यापारी के पास जा रही थी। न ही आरोपियों की पुलिस रिमांड लेने न्यायालय में कोई आवेदन दिया।
पुलिस ने कार में सवार शंकर पिता ओमप्रकाश महेश्वरी (42) निवासी आगरा उप्र, सचिन पिता राजेश गुप्ता (30) निवासी आगरा उप्र, सुनील पिता भगवानदास पाल (30) निवासी आगरा उप्र तथा आकाश पिता महेश प्रसाद मिश्रा (28) निवासी खमरिया गोसलपुर जबलपुर को पकड़ा है। बताया जा रहा है कि चारों आरोपी पूर्व में भी लगातार छिंदवाड़ा आते रहे हैं। ये सभी शहर के कई सराफा व्यापारियों के सम्पर्क में रहे हैं। पुलिस ने जो कार जब्त की है वह आरटीओ में जबलपुर के पते पर शंकर महेश्वरी के नाम पर दर्ज है।
पुलिस को जब्त चांदी को तौलने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। इसमें करीब तीन घंटे लगे। सूत्रों की मानें तो शहर के कुछ सराफा व्यापारियों से ऑर्डर लेकर चांदी की पायल सप्लाई की जानी थी, लेकिन सप्लाई करने से पहले ही चांदी की खेप पकड़ा गई। चांदी के साथ पकड़ाए आरोपियों से मिलने शहर के कुछ सराफा व्यापारी पहुंचे थे लेकिन तब तक पुलिस आरोपियों को जेल पहुंचा चुकी थी।