रहा है। जहां वर्षों पुराने फलन वाले पेड़ों पर कटौती के फलस्वरूप सिंचाई की समस्या होने लगी है। ग्राम खेड़ीकला, तिगांव, मारूड, कलमगांव, वाड़ेगांव क्षेत्र में बेतहाशा बिजली कटौती से किसान हताश परेशान हो रहा है। सिंचाई नहीं होने से पेड़ सूखने लगे है।
मारूड के किसान शेषराव फरकाड़े ने बताया कि खेतों को दी जा रही बिजली में अधिक कटौती होने से सिंचाई नहीं हो पा रही है। इससे किसान चिंतित है। एक ओर तो कड़ी धूप से वैसे पेड़ झुलस रहे है। पेड़ों को पानी नहीं मिलने से सूखने का खतरा मंडराने लगा है। किसानों को कई एकड़ में लगे बागिचों में बाल्टी और लोटे से पेड़ों को पानी देना पड़ रहा हैं। उल्लेखनीय है कि इस साल अभी से पेड़ों पर संतरा फल का बार देखा जा रहा है। लेकिन सिंचाई की समस्या की वजह से किसान परेशान है।
सांवरी बाजार. इलाके में मनमाने तरीके से बिजली कटौती की जा रही है। किसानों को 10 घंटे की बजाय दो घंटे बिजली दी जा रही है। तेज गर्मी एवं धूप के कारण फसलें सूखने लगी है। सिंचाई के लिए पानी की अधिक आवश्यकता है परंतु अघोषित कटौती से किसान सिंचाई नहीं कर पा रहे है। बिजली विभाग के कर्मचारी भी संतोषजनक जवाब नहीं दे रहे हैं। लोगों का आरोप है कि बिजली कम्पनी के अधिकारी फोन तक नहीं उठा रहे हैं। प्रचंड गर्मी के बीच पंखा एवं कूलर बंद पड़े हैं। शाम को भी बिजली बंद रहती है । विद्यार्थियों का पढऩा भी मुश्किल हो गया है। यहां पदस्थ ऑपरेटर सहायक अभियंता के आदेशों की दुहाई देते हैं । इस तरह के कटौती पिछले एक माह से चल रही है।
