छिंदवाड़ा

66 लाख बिजली बिल बकाया

बिजली बिल बकाया होने के कारण और कई बार बिल भुगतान के लिए नोटिस भेजने के बाद जब नपा प्रशासन ने बिल का भुगतान नहीं किया

छिंदवाड़ाSep 28, 2019 / 11:43 pm

arun garhewal

electricity

छिंदवाड़ा. परासिया. बिजली बिल बकाया होने के कारण विद्युत कम्पनी ने शुक्रवार को नगरपालिका की जलप्रदाय और स्ट्रीट लाइट की बिजली काट दी है। नगर पालिका पर लंबे समय से बिजली बिल बकाया होने के कारण और कई बार बिल भुगतान के लिए नोटिस भेजने के बाद जब नपा प्रशासन ने बिल का भुगतान नहीं किया तो अधिकारियों ने साईं मंदिर के सामने स्थित नपा के संप हाउस और बाजार क्षेत्र के दो स्थानों की स्ट्रीट लाइट कनेक्शन को काट दिया है।
गौरतलब है कि नपा द्वारा खिरसाडोह सहित कई स्थानों से शहर में पानी सप्लाई किया जाता है लेकिन साई मंदिर के सामने स्थित ओवरहेड टैंक से लगभग शहर के दस वार्डो में पानी सप्लाई की जाती है बिजली नहीं होने से सप्लाई पूरी तरह ठप हो गयी है। इसी तरह बाजार क्षेत्र के दो सार्वजनिक स्थानों के स्ट्रीट लाइन के पाइंट काटे गए हैं जिसके कारण कई वार्डों में अंधेरा रहेगा। हालांकि विद्युत अधिकारियों का कहना है कि यह सांकेतिक कार्यवाही है विभाग ने पूरे नगरपालिका की बिजली नहीं काटी है।
बिजली काटने की कार्यवाही के बाद नपा अधिकारियो ने विद्युत विभाग के स्थानीय और उच्च अधिकारियो से चर्चा की लेकिन विभाग बकाया बिजली बिल भुगतान को लेकर अडा हुआ है। बिजली विभाग का कहना है कि लंबे समय से लगभग 80 लाख रूपये बिजली बिल बकाया है लेकिन नपा भुगतान नहीं कर रही है वहीं नपा अपनी खस्ता आर्थिक हालात के कारण इतना भारीभरकम बिजली बिल भुगतान में खुद को असमर्थ बता रही है। विद्युत विभाग ने नोटिस में कहा है कि बिल भुगतान नहीं करने पर नपा के अन्य स्थानो एवं विभागो की बिजली काटी जा सकती है।
एक करोड टैक्स है बकाया: नगर पालिका की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गयी है। आवश्यकता से अधिक कर्मचारियो की नियुक्ति के कारण नपा के राजस्व का बडा हिस्सा वेतन एवं स्थापना व्यय में खर्च हो जाता है। मकान कर, संपत्ति कर, जल कर वसूली नहीं हो पाती है लगभग एक करोड रूपये का टैक्स लोगो पर बकाया है। कुछ माह पूर्व तत्कालीन सीएमओ नितिन बिजवे ने टैक्स वसूली के लिए सख्त कदम उठाये थे लेकिन जनप्रतिनिधियो ने नगरीय चुनाव का हवाला देकर दबाव बनाया जिसके कारण सख्ती से वसूली रोक दी गई। लंबे समय से पूरा बिल का भुगतान नहीं करने के कारण बिल बढता गया जिससे यह स्थिति निर्मित हुई है।

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