-किस्त पर गलतफहमी
बता दें कि इलाहाबाद बैंक द्वारा एक लाख ८० हजार रुपए को चुकाने के लिए अधिकतम समय १५ साल दिया गया। किस्त २५०० रुपए तय की गई, जो कि १५ साल में करीब साढ़े चार लाख होती है। इसी गलतफहमी के कारण कई लोगों ने संशय में हैं, लेकिन बैंक ने स्पष्ट किया कि २५ सौ की राशि जमा करने पर ब्याज और मूल रकम दोनों ही जमा होती है। धीरे-धीरे मूल रकम कम होती जाती है और १५ वर्ष के पूर्व किस्त पूरी चुक सकती है। १५ वर्ष तो अधिकतम समय है।
बता दें कि इलाहाबाद बैंक द्वारा एक लाख ८० हजार रुपए को चुकाने के लिए अधिकतम समय १५ साल दिया गया। किस्त २५०० रुपए तय की गई, जो कि १५ साल में करीब साढ़े चार लाख होती है। इसी गलतफहमी के कारण कई लोगों ने संशय में हैं, लेकिन बैंक ने स्पष्ट किया कि २५ सौ की राशि जमा करने पर ब्याज और मूल रकम दोनों ही जमा होती है। धीरे-धीरे मूल रकम कम होती जाती है और १५ वर्ष के पूर्व किस्त पूरी चुक सकती है। १५ वर्ष तो अधिकतम समय है।
-२०२ हितग्राहियों के लोन प्रकरण पास हुए, लेकिन ९० प्रतिशत ने किस्त जमा करनी बंद कर दी है। इसकी सूचना निगम को भेजी जा चुकी है। लोन के पुराने प्रकरणों की किस्त जमा नहीं होने से नए प्रकरण पर अप्रूवल नहीं मिल पा रहा है।
अंजन कुमार , शाखा प्रबंधक इलाहाबाद बैंक
अंजन कुमार , शाखा प्रबंधक इलाहाबाद बैंक
-१५ वर्ष अधिकतम समय दिया गया है, परंतु लोग चाहे तो पहले भी जमा करके ऋण मुक्त हो सकते हैं। तय ब्याज के साथ मूल रकम जितनी अधिक होगी, उतनी जल्दी ऋण चुकता हो जाएगा। तीन हितग्राहियों ने तो ८० हजार रुपए तक जमा कर दिए।
पुर्णेन्दु कुमार, लोन प्रबंधक इलाहाबाद बैंक
पुर्णेन्दु कुमार, लोन प्रबंधक इलाहाबाद बैंक
-सूची आई या नहीं, इसकी पक्की जानकारी नहीं है। हालांकि योजना कार्यालय के कर्मचारियों ने हितग्राहियों को फोन लगाना शुरू कर दिया है। कुछ लोगों को लोन मंजूर होने की जानकारी भी नहीं होगी। यदि किस्त जमा नहीं हो रही तो बैंक क ो फोन लगाना चाहिए।
भूपेंद्र सिंह मनवारे,
सहायक यंत्री नगर निगम
सहायक यंत्री नगर निगम