शिशु एवं मातृ स्वास्थ्य में लाया जाएं सुधार –
जिले में शिशु एवं मातृ स्वास्थ्य में बेहतर कार्य करने की हिदायत कलेक्टर सुमन ने दी है और स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग को आपस में समन्वय बनाकर योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने की सलाह दी है। साथ ही पांच वर्ष तक के बच्चों के पोषण स्तर की जांच व वर्गीकरण उचित किया जाना, अति कुपोषित बच्चों पर विशेष ध्यान देना, पोषण पुनर्वास केंद्र में बच्चों को भर्ती करने के लिए परिजनों को प्रेरित करना, गर्भवतियों की विस्तृत जानकारी रखना, एएनसी कार्ड बनाना, प्रसव पूर्व सभी जांच अनिवार्य रूप से होना, प्रोटोकाल के तहत उपचार देना, संस्थागत प्रसव के महत्व को समझाना, माताओं-शिशुओं का सम्पूर्ण टीकाकरण सुनिश्चित करना आदि निर्देश दिए गए है।
असंचारी रोगियों के चिन्हाकन और उचित हो उपचार प्रबंधन
असंचारी रोग कार्यक्रम के तहत जिले में 30 वर्ष की आयु से अधिक उम्र के लोगों की पहचान के लिए चलाए जा रहे एनसीडी कार्यक्रम में अपेक्षित लक्ष्य के विरुद्ध स्क्रीनिंग और परीक्षण कार्य शत-प्रतिशत पूर्ण करने के निर्देश कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन ने दिए है। उन्होंने कहा कि मरीजों की केवल स्क्रीनिंग और परीक्षण कार्य ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि चिन्हित व्यक्तियों को समय पर दवाइयां भी उपलब्ध होनी चाहिए।