व्यसन मुक्ति से होगा मन परिवर्तन
छिंदवाड़ाPublished: Jan 21, 2019 05:01:44 pm
परमात्मा एक सेवक मंडल ने निकाली शोभायात्रा
व्यसन मुक्ति से होगा मन परिवर्तन
छिंदवाड़ा. परमात्मा एक सेवक मंडल ने रविवार को छिंदवाड़ा में सेवक सम्मेलन आयोजित किया। इसमें मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के कई शहरों के मंडल से जुड़े पुरुष महिला सदस्यों और बच्चों ने उपस्थिति दी। हनुमानजी के भक्त बाबा जूमदेव के अनुयायी हर वर्ष यह आयोजन छिंदवाड़ा में करते हैं। मानव धर्म के उद्देश्य को लेकर बाबा जूमदेव ने लोगों को बुरे व्यसनों से मुक्ति दिलाकर उनका हृदय और मन परिवर्तन करने का काम किया और उन्हें मानव जागृति की सेवा के लिए लगाया। उनके असंख्य अनुयायी हर वर्ष इसी भावना, उद्देश्य और इस प्रचार-प्रसार के लिए यह सम्मेलन करते हैं। शहर के बरारीपुरा स्थित परमात्मा एक भवन में सभी एकत्रित हुए। सुबह छह से नौ बजे तक हवन कार्यक्रम संपन्न हुआ। उसके बाद एक रैली निकाली गई जो बरारीपुरा, छोटी बाजार से होती हुई, गोलगंज फव्वारा चौक के रास्ते नागपुर रोड स्थित भवन पहुंची, जहां मुख्य कार्यक्रम हुआ। रैली गाजे-बाजे के साथ मुख्य मार्गों से निकली। वाहनों पर झांकियों के साथ युवक-युवतियों की टोलियां नृत्य करते चल रहीं थीं। हनुमानजी के वेश में कई बच्चे इस यात्रा में शामिल थे।
सचिव चंद्रकांत शिवारे ने बताया कि दोपहर को १२ बजे दीप प्रज्ज्वलन के साथ सम्मेलन का शुभारम्भ हुआ। इस मौके पर मंडल के पदाधिकारियों और आमंत्रित अतिथियों ने मानव धर्म के इस काम में सभी को सहयोग देने और इसी तरह एकता बनाए रखने कहा। सभी ने कहा कि आज जहां लोग अनेक व्यसनों में डूबे हुए हैं। मंडल जनजागृति लाकर बहुत बड़ी सेवा कर रहा है। मंडल के अध्यक्ष नागपुर के राजू मदनकर, सचिव सूरजलाल अंबुले अन्य सदस्यों के साथ स्थानीय विधायक, पूर्व विधायक, महापौर के साथ पार्षद, सभापति और अन्य गणमान्य नागरिक कार्यक्रम में उपस्थित हुए। छिंदवाड़ा से सोमेश्वर पालीवाल, महादेवराज बांगडृे, सुनील कपाले, दिलीप वर्मा, महादेवराव बारस्क र के साथ नव युवक सेवक जागृति मंच के पदाधिकारी और अनेक जिलों के सेवक परिवार भी उपस्थित थे।
कथा में हुआ भगवान कृष्ण का जन्म- धमरटेकड़ी में चल रही श्रीमद् भागवत महापुराण में रविवार को श्री कृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। काफी संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं आनंद उत्सव मनाया। कथा व्यास पं. रविकांत शास्त्री ने श्रीराम जन्म की कथा सुनाई। उन्होंने बताया कि लक्ष्मण का एकमात्र लक्ष्य भगवान राम को पाना था। पूरा जीवन उन्होंने राम की सेवा में व्यतीत कर दिया तथा भरत राज्य के बाहर बैठकर राम की सेवा करते रहे। शत्रुघन भीतर के शत्रुओं को मारने का काम करते रहे। सोमवार को फूल होली की कथा सुनाई जाएगी।