बिना किसी मदद के घूमने-फिरने का दिव्यांगों को प्रशिक्षण नहीं
जिला पुनर्वास केंद्र में पूर्व में नेत्रहीन दिव्यांगों को सडक़, बस, रेल तथा अन्यत्र स्थानों पर बिना किसी मदद के घूमने-फिरने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता था। इसके लिए विभाग द्वारा हजारों रुपए खर्च कर मोबिलिटी टे्रनिंग सेंटर भी बनाया गया, लेकिन अब इसका लाभ नहीं मिल रहा है। इसके अलावा उपकरण पाने के लिए भी उन्हें प्रशासन से आवेदन करना होता है।
अस्थाई केंद्र बनी प्रताप शाला
अस्पताल से केंद्र को तोड़े जाने के बाद विभाग ने जिला प्रशासन से गुहार लगाई। इसके बाद प्रशासन ने प्रताप शाला छिंदवाड़ा में अस्थायी रूप से पुनर्वास केंद्र संचालित किया जा रहा है। बता दें कि इस स्थान में पहले से ही जिला शिक्षा केंद्र अंतर्गत शाला त्यागी बच्चों का आवासीय स्कूल संचालित हो रहा है। जहां १०० छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं।
फिलहाल जारी है प्रक्रिया
स्थायी केंद्र नहीं होने की वजह से दिव्यांगों को दिक्कत होती है। इस संदर्भ में प्रशासन से स्थायी भवन के लिए चर्चा जारी है। जैसे ही आदेश मिलेंगे भवन निर्माण कार्य व जगह का चिह्नांकन किया जाएगा।
पंचलाल चंद्रवंशी, प्रशासनिक अधिकारी