कृषि अनुसंधान केंद्र में लगेगी कक्षाएं
उद्यानिकी की स्नातक स्तर की कक्षाएं चंदनगांव स्थित कृषि अनुसंधान केंद्र में लगाई जाएंगी। यहां दो बड़े सभाकक्ष हैं जिन्हें कॉलेज स्तर की कक्षाओं के लिए तैयार करने का काम जल्द शुरू हो जाएगा। अनुसंधान केंद्र परिसर में खाली जगह पर स्टॉफ रूम, कॉमन रूम, लाइब्रेरी, प्रयोगशाला, डीन का कक्ष और अन्य जरूरी कक्षों का निर्माण होगा। जब तक कॉलेज परिसर बनकर तैयार नहीं होता तब तक अस्थाई रूप से यही परिसर कॉलेज के रूप में जाना जाएगा। तय जगह पर कॉलेज बनने में कम से कम तीन वर्ष लगेंगे। चूंकि कॉलेज में अध्यापन का काम इसी वर्ष से शुरू होना है, इसलिए अनुसंधान केंद्र में कक्षाएं लगाने का निर्णय लिया गया है।
नक्शा तैयार, खूनाझिरकलां में बनेगा कॉलेज
हार्डिकल्चर और एग्रीकल्चर कॉलेज के लिए 104 एकड़ की जमीन खूनाझिरकलां में आवंटित कर दी गई है। यहां सामने की तरफ हार्डिकल्चर और उसके पीछे एग्रीकल्चर कॉलेज की बिल्डिंग बनना है। आंचलिक कृषि अनुसंधान केंद्र के सहायक संचालक डॉ. वीके पराडकर ने बताया कि जबलपुर से तकनीकी विशेषज्ञों की टीमें आकर देख चुकी हैं और निर्माण का खाका भी तैयार हो गया है। ध्यान रहे लम्बे चौड़े परिसर में दोनों कॉलेज की मुख्य बिल्डिंग, क्लास रूम के अलावा बड़ी प्रेक्टिकल लैब, दो हॉस्टल के साथ प्रोफेसर और स्टाफ के आवास भी बनाए जाएंगे।
पहला कॉलेज जहां दोनों डिग्री एक साथ
छिंदवाड़ा में बनने वाला कृषि और उद्यानिकी महाविद्यालय प्रदेश का पहला ऐसा शिक्षा संस्थान होगा जहां इन दोनों विषयों की पढ़ाई एक होगी। इसके अलावा किसी अन्य जिले में कृषि और उद्यानिकी की पढ़ाई एक साथ नहीं होती। उद्यानिकी महाविद्यालय भी प्रदेश में यह दूसरा होगा। एक अन्य कॉलेज मंदसौर में संचालित है। प्रदेश में छह से ज्यादा शासकीय कृषि महाविद्यालय हैं। इसके अलावा निजी महाविद्यालयों में भी ये विषय पढ़ाए जा रहे हैं, लेकिन शासकीय तौर पर कृषि और उद्यानिकी के क्षेत्र में जिले को मिलने वाली बहुत बड़ी उपलब्धि इसे माना जा रहा है।