उल्लेखनीय है कि 10 जून को दिनेश विश्वकर्मा की हत्या हुई थी। शव 11 जून को शव शा.उ. मा. शाला खूनाझिरकला बैतूल रोड पर मिला था। मर्ग कायम कर जांच के बाद पुलिस ने संदेह के आधार पर कुछ लोगों को उठाया था। पूछताछ और जांच के उपरांत सम्पत यादव को मुख्य आरोपी बनाया गया है। मृतक के पिता लख्खू विश्वकर्मा का कहना है कि हत्या के मामले में पूछताछ के लिए पिन्टू विश्वकर्मा, मिलन विश्वकर्मा एवं गोलू धुर्वे सभी निवासी ईमलीखेड़ा बस्ती को पुलिस ने पूछताछ के लिए वारदात के समय ले गई थी। तीनों युवक शुक्रवार की रात को घर पहुंचे और डरा धमका रहे थे। लख्खू विश्वकर्मा का आरोप है कि इसकी सूचना उन्होंने मोहखेड़ थाना पुलिस को दी थी, किन्तु उन्होंने कोतवाली का क्षेत्राधिकार होने के चलते कार्रवाई से इनकार कर दिया। कोतवाली पुलिस शिकायत के बाद पहुंची और तीनों युवक को हिरासत में लेकर उनके खिलाफ विवाद करने और जान से मारने की धमकी देने का प्रकरण पंजीबद्ध किया है।
पिता ने पुलिस पर लगाए आरोप
मृतक दिनेश के पिता लख्खू विश्वकर्मा ने पुलिस पर गम्भीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि बेटे की हत्या में शामिल सभी आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज नहीं किया। एक को आरोपी बनाकर जेल भेज दिया है, शेष आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं। शनिवार को उन्होंने एक लिखित आवेदन पुलिस अधीक्षक विवेक अग्रवाल को सौंपकर उचित जांच और कार्रवाई की मांग करते हुए सभी दोषियों पर हत्या का प्रकरण दर्ज करने मांग की है।