50 साल बाद बन रही ऐसी स्थिति
पंडितों के अनुसार वैशाख शुक्ल की अक्षय तृतीया पर 50 साल बाद ग्रहों की विशेष स्थिति बन रही है। दो ग्रह उच्च राशि में विद्यमान रहेंगे, जबकि दो प्रमुख ग्रह स्वराशि में विराजमान होंगे। शुभ संयोग और ग्रहों की विशेष स्थिति में अक्षय तृतीया पर दान करने से पुण्य की प्राप्ति होगी। इस दिन जल से भरे कलश पर फल रखकर दान करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इसके साथ ही अक्षय तृतीया इस बार मंगल रोहिणी नक्षत्र के शोभन योग में मनाई जाएगी। शुभ योग में अक्षय तृतीया मनाने का ये संयोग वर्षो बाद बना है। अक्षय तृतीया पर किए गए दान से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन बिना मुहूर्त के विवाह आदि मांगलिक कार्य किए जाते हैं। अक्षय तृतीया पर यदि आप अपनी राशि के अनुसार दान-पुण्य और कुछ कार्य करते हैं तो आपको जरूर लाभ प्राप्त हो सकता है।
अक्षय तृतीया को शोभन योग बनाएगा खास
अक्षय तृतीया रोहिणी नक्षत्र, शोभन योग, तैतिल करण और वृषभ राशि के चंद्रमा के साथ आ रही है। इस दिन मंगलवार और रोहिणी नक्षत्र होने से मंगल रोहिणी योग का निर्माण होने जा रहा है। शोभन योग इसे ज्यादा खास बना रहा है। साथ ही पांच दशक बाद ग्रहों का विशेष योग भी बन रहा है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन शुभ कार्य, दान-पुण्य, स्नान, पूजा और तपस्या करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। इस दिन सोने चांदी के आभूषण खरीदने की भी परंपरा है। इस दिन सोना चांदी खरीदकर घर लाने से मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। इसके अलावा, आप वाहन या जमीन या मकान जैसी चीजों की भी खरीदारी कर सकते हैं।
अक्षय तृतीया रोहिणी नक्षत्र, शोभन योग, तैतिल करण और वृषभ राशि के चंद्रमा के साथ आ रही है। इस दिन मंगलवार और रोहिणी नक्षत्र होने से मंगल रोहिणी योग का निर्माण होने जा रहा है। शोभन योग इसे ज्यादा खास बना रहा है। साथ ही पांच दशक बाद ग्रहों का विशेष योग भी बन रहा है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन शुभ कार्य, दान-पुण्य, स्नान, पूजा और तपस्या करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। इस दिन सोने चांदी के आभूषण खरीदने की भी परंपरा है। इस दिन सोना चांदी खरीदकर घर लाने से मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। इसके अलावा, आप वाहन या जमीन या मकान जैसी चीजों की भी खरीदारी कर सकते हैं।
अक्षय तृतीया पर ग्रहों की उच्च स्थिति
अक्षय तृतीया पर चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ और शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में रहेंगे। वहीं शनि स्वराशि कुंभ और बृहस्पति स्वराशि मीन में विराजमान रहेंगे। भारतीय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चार ग्रहों का अनुकूल स्थिति में होना अपने आप में बहुत ही खास है। अक्षय तृतीया पर बन रहे इस शुभ संयोग में मंगल कार्य करना बहुत ही शुभ और फलदायी होगा।
अक्षय तृतीया पर चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ और शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में रहेंगे। वहीं शनि स्वराशि कुंभ और बृहस्पति स्वराशि मीन में विराजमान रहेंगे। भारतीय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चार ग्रहों का अनुकूल स्थिति में होना अपने आप में बहुत ही खास है। अक्षय तृतीया पर बन रहे इस शुभ संयोग में मंगल कार्य करना बहुत ही शुभ और फलदायी होगा।