खदान प्रबंधन पर भ्रष्टाचार के आरोप
छिंदवाड़ाPublished: Dec 18, 2018 11:42:52 pm
एटक की क्रमिक भूख हड़ताल
छिंदवाड़ा/ परासिया. एटक श्रम संगठन ने माथनी भूमिगत कोयला खदान प्रबंधन पर मनमानी करने और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए खदान परिसर में क्रमिक भूख हड़ताल प्रारंभ कर दी है।
महामंत्री रामकेरा यादव एवं मीडिया प्रभारी नदीम खान ने बताया कि 34 सूत्री मांग पत्र में शामिल प्रमुख मांगों में साफ सफाई के नाम पर लाखों रुपए की बिलिंग की गई है। वाटर स्प्रे के लिए भी बड़ी राशि का भुगतान किया गया है, इसकी जांच की जाए। खदान के भीतर टॉप सीम के 15 डिप में 50 एचपी का चालू मोटरपंप डुबा दिया गया, इस लापरवाह अधिकारी पर कारवाई की जाए। आइसोलेटेड स्टापन के नाम पर घटिया कार्य किया गया, जिससे स्टापन टूट रही है मजदूरों की जान को खतरा हो सकता है। थर्ड बी सीम में 20 लेबल से 6 डीप में लगभग 5 पिल्लर का बेल्ट स्टालेशन किया गया, परन्तु एक टन भी कोयला बेल्ट से नहीं निकाला गया, यह कार्य ठेकेदार को आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए किया गया है। माथनी खदान से झुर्रे हनुमान मंदिर तक खराब सडक़ की मरम्मत के नाम पर ठेकेदार को लाभ दिया गया। सडक़ की हालत जस की तस है। खदान में सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। एसएसआर का उल्लंघन, एडवांस सपोर्ट कार्य नियमानुसार नहीं है, जिससे बड़ी दुर्घटना की आशंका बनी हुई है। मैग्जीन से खदान में बारूद ले जाने के लिए टेंडर किया गया है, लेकिन यह काम वेकोलि के स्थाई कर्मचारियों से कराया जा रहा है। प्रबंधन जानबूझकर बेल्ट मटेरियल गोप एरिया में दबा रहा है जिससे कंपनी को भारी क्षति हो रही है। डिप्लेरिंग पैनल गलत चलाने के कारण 50 पाया पिल्लर पानी में डुबा दिया गया है जिससे राष्ट्रीय संपत्ति का नुकसान हुआ है। खदान में शुद्ध पानी का अभाव, डस्ट, वेंटीलेशन की समस्या है। ठेकेदारी कामगारों से नियम विरुद्ध जोखिम वाले और संवेदनशील कार्य कराए जा रहे हैं। इन्हीें सब मुददों की जांच कर जवाबदारों पर कार्यवाही की जाए। इसके अलावा प्रबंधन द्वारा संगठन की अनदेखी तथा कामगारों के पदोन्नति संबंधित विषय भी उठाए गएं। गौरतलब है कि एटक संगठन द्वारा कामगारों की समस्या को लेकर नेहरिया खदान परिसर में भी क्रमिक भूख हड़ताल की जा रही है।