Amarwara Assembly By Election :मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले की अमरवाड़ा विधानसभा ( Amarwara assembly ) में उपचुनाव का ऐलान होते ही दोनों प्रमुख दल भाजपा-कांग्रेस सियासी जमीन को धार में जुट गए हैं। भाजपा ने उपचुनाव में भी कांग्रेस से पहले अपने प्रत्याशी का ऐलान कर दिया है। अमरवाड़ा सीट के जीत का इतिहास देखें तो भाजपा कांग्रेस के मुकाबले बहुत पीछे है। कांग्रेस की जीत का स्ट्राइक रेट 75 फीसद रहा तो भाजपा की जीत का स्ट्राइक रेट 25 फीसद 1980 से कांग्रेस सात बार तो भाजपा दो बार ही यहां जीत का परचम लहरा पाई है।
इस सीट पर भाजपा अमरवाड़ा के पूर्व विधायक कमलेश शाह के भरोसे है। शाह की पकड़ का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि पिछले तीनों चुनाव में वे जीते। मोदी और लाड़ली बहना योजना की लहर में भी ये सीट कांग्रेस के ही पाले में रही। यह सीट आदिवासी वर्ग के लिए रिजर्व है और कमलेश शाह हर्रई के पूर्व राजघराने से ताल्लुक रखते हैं। इस राज घराने का गोंड आदिवासियों में दबदबा रहा है।
अमरवाड़ा विधानसभा सीट से भाजपा सिर्फ दो बार ही जीत का मुंह देख पाई है। पहली बार 1990 में जब भाजपा के मेहमन शाह उइके पहली बार यहां से विधायक चुने गए थे। दूसरी बार 2008 में जब भाजपा के प्रेमनारायण ठाकुर को अमरवाड़ा की जनता ने अपना विधायक चुना। इसके अलावा भाजपा यहां से हमेशा कमजोर ही रही।
अमरवाड़ा सीट जीतने के लिए भाजपा माइक्रो लेवल की ह्रश्वलानिंग में जुट गई है। राहत की बात ये है कि कमलेश शाह का खुद का प्रबंधन पहले से मजबूत है। इसके बावजूद भाजपा कोई ढिलाई नहीं बरतना चाहती है। लिहाजा जल्द ही सीएम, प्रदेश अध्यक्ष, संगठन महामंत्री सहित तमाम नेता दौरे बढ़ाकर प्रत्याशी के पक्ष में वोट मांगते नजर आएंगे।
अमरवाड़ा विधानसभा उपचुनाव के लिए 14 जून से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई। पहले दिन कोई भी नामांकन जमा नहीं हुआ। प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि नामांकन भरने की अंतिम तारीख 21 जून है। जांच 24 जून को की जाएगी। नाम वापसी की अंतिम तारीख 26 जून है।
Published on:
15 Jun 2024 09:04 am