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Anemia: इस आदिवासी जिले की स्थिति चिंताजनक

locationछिंदवाड़ाPublished: Sep 22, 2022 11:07:04 am

Submitted by:

prabha shankar

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे: पांच वर्षों में एनीमिक बच्चों और महिलाओं की संख्या में इजाफा

Anemia
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प्रभाशंकर गिरी
छिंदवाड़ा। महाकौशल के तीन आदिवासी बहुल जिलों में स्वास्थ्य सुविधाओं में समानता के बावजूद महिला और बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर काफी अंतर देखने को मिला है। सिवनी जिले में खून की कमी (एनीमिया) से ग्रस्त बच्चों की संख्या में भारी इजाफा दर्ज किया गया है। वर्ष 2015-16 में जहां 6-59 महीने की उम्र के 60.8 फीसदी बच्चे एनीमिक थे, वहीं 2019-21 में यह प्रतिशत बढकऱ 71.8 तक पहुंच गया। जबकि, छिंदवाड़ा और बालाघाट में काफी कमी आई है।
एनीमिक महिलाओं की बात की जाए तो भी सिवनी जिले का ग्राफ बढ़ा है। 15 से 49 वर्ग की गर्भवती महिलाओं में पांच साल में 7.9 फीसद इजाफा हुआ है, तो वहीं इसी आयु वर्ग की सामान्य महिलाओंं के एनीमिक होने के मामले 4.5 फीसद बढ़े हैं। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (एनएचएफएस-5) के आंकड़े सिवनी जिले के लिए ङ्क्षचता का विषय हैं। जहां छिंदवाड़ा और बालाघाट में काफी सुधार हुआ है । वहीं, सिवनी जिले में बच्चों में खून की कमी कुपोषण की समस्या बढऩे के संकेत हैं। जानकारों की मानें तो मां और शिशु को उपयुक्त पोषक आहार न मिलना इसकी बड़ी वजह है।
इधर छिंदवाड़ा में एनीमिक बच्चों के मामलों में 15.2 फीसद तो बालाघाट में 12.4 फीसद की गिरावट आई है। वहीं 15 से 19 वर्ष की युवतियों के आंकड़ों में भी सुधार हुआ है।

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