स्थानीय प्रशासन व नेता नहीं लेते रुचि
स्थानीय प्रशासन के साथ क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि और विधायकों की अनदेखी और रुचि न लेने के कारण भी केंद्रों के लिए जगह ढूंढना मुश्किल हो रहा है। विभाग कार्यकर्ताओं से कहता है कि वे जगह देखें। जबकि यह काम जनप्रतिनिधियों और प्रशासन को करना चाहिए। केंद्र संचालित करने वाली कार्यकर्ताओं का कहना है कि सरकारी भवनों, शॉपिंग मॉल और अन्य भवनों के लिए सरकारी जगह ढूंढ ली जाती है और आनन-फानन में अलॉटमेंट भी हो जाता है, लेकिन बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य पोषण के लिए संचालित इन केंद्रों के लिए जगह नेता और प्रशासन मुहैया नहीं करा पाता है यह विडम्बना है।
इनका कहना है
शहर में पांच केंद्रों के लिए शासकीय जमीन देख ली गई है। स्वीकृति मिलने के बाद वहां केंद्र संचालन के लिए भवन का निर्माण शुरू किया जाएगा। हमारी कोशिश रहती है कि किराए से भी केंद्र संचालित हों तो वहां हवा, पानी, बिजली और अन्य जरूरी सुविधाएं अवश्य हों।
कल्पना तिवारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, छिंदवाड़ा
जिले की स्थिति
3057 कु ल आंगनबाड़ी केंद
797 विभागीय भवन में
291 पंचायत भवन में
801 प्रथामिक शालाओं में
18 निगम के भवनों में
865 किराए पर संचालित