छिंदवाड़ाPublished: Apr 13, 2019 12:50:08 am
prabha shankar
पंजीयन विभाग की सालाना आय सिमटी
Annual Income of Registration Department
छिंदवाड़ा. पूरे साल प्रॉपर्टी बाजार में निवेश का उछाल देखने को नहीं मिला। केवल जरूरतमंदों ने ही मकान, प्लॉट और कृषि भूमि की खरीदारी की। बाजार के औसत प्रदर्शन से पंजीयन विभाग स्टाम्प शुल्क से 96 करोड़ रुपए कमा पाया। लक्ष्य पूरे प्रदेश की तरह पूरा नहीं हो पाया। इसका कारण प्रॉपर्टी उपबंध में छूट, रेरा और इनकम टैक्स कानून की बाध्यता से जमीन में निवेश में गिरावट होना बताया गया है।
बीते 31 मार्च को समाप्त वित्तीय वर्ष 2018-19 में पंजीयन विभाग का लक्ष्य 120 करोड़ रुपए रखा गया था। स्टाम्प शुल्क से राजस्व 80 फीसदी अर्जित हो पाया। यह अवश्य रहा कि पिछले साल 17-18 में मिले 90 करोड़ से ज्यादा सरकारी खजाने में पहुंचा। विभागीय जानकारों का कहना है कि पिछले चार साल से सम्पत्ति गाइड लाइन मूल्य में बढ़ोतरी नहीं हुई, लेकिन स्टाम्प शुल्क में वृद्धि कर उसे करीब 10.50 प्रतिशत किया गया है। इसके अलावा पिछले दो साल में नोटबंदी का प्रॉपर्टी बाजार पर असर बना हुआ है। रेरा कानून और इनकम टैक्स की बाध्यता से अलग खरीदी-बिक्री प्रभावित हुई है। इन सब झटकों से प्रापर्टी बाजार उबर नहीं पाया है। इसके चलते ही औसत आय दर्ज हो रही है। केवल छिंदवाड़ा ही नहीं, पूरे प्रदेश का यही हाल है। जबलपुर समेत अनेक जिले पंजीयन राजस्व लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाए। जिला पंजीयक एसएस मेश्राम ने बताया कि मार्च में समाप्त वित्त वर्ष में 96 करोड़ रुपए अर्जित हो पाए। हम नए वर्ष में सरकारी लक्ष्य को पूरा करने का प्रयास करेंगे।