जिसके अंदर धर्म का उत्साह वह युवा शोभायात्रा मंदिर पहुंचकर धर्मसभा में परिवर्तित हो गई। मंदिर धर्मसभा में उपस्थित साधक-साधिकायों को सम्बोधित करते हुए मुनिश्री विमर्शसागर ने कहा कि संत जिस नगर में आते हैं उस नगर में धर्म की बयार बहने लगती है। जन-जन के हृदयों में संस्कारों का बीजारोपण होने लगता है। भगवान महावीर ने कहा भी था कि इस पंचम काल में धर्म के ध्चज को युवा ही थामकर चलेंगे। दरअसल, जिसके अंदर धर्म का उत्साह हो वह युवा कहलाता है। आज इस नगर में युवाओं का उत्साह देखकर लगता है जैसे महावीर का युग लौट आया है।