उम्मीद से कम मिली सफलता, दो अरब 30 करोड़ रुपए के आसपास की राशि वसूलना है
गौरतलब है सरकार को उम्मीद थी कि किसानों पर चढे़ लोन का ब्याज माफ करने के बाद मूलधन का भी सिर्फ 50 प्रतिशत जमा कराने के निर्णय से किसान अपने मामलों का समाधान कराने में रुचि लेंगे, लेकिन बैंकों और समितियों को खूब माथापच्ची के बाद भी ज्यादा सफलता नहीं मिली। छिंदवाड़ा जिले की ही बात करें तो 47 हजार से ज्यादा किसानों में से सिर्फ 15 हजार किसानों ने ही पैसे जमा कराए, जबकि सहमति के लिए 27 हजार किसानों ने फॉर्म भरे थे। जिले में इतनी बड़ी संख्या में डिफाल्टर हुए किसानों से सरकार को दो अरब 30 करोड़ रुपए के आसपास की राशि वसूलना है उसमें से सिर्फ 50 करोड़ 90 लाख रुपए ही वापस मिले हैं।