निराश कार्यकर्ताओं को मिलेगा सम्बल प्रदेश में कांग्रेस सरकार और मुखिया छिंदवाड़ा से चुने जाने के बाद भाजपा के नेता और कार्यकर्ता निराश हो गए थे। उनकी राजनीतिक गतिविधियां भी सीमित दिखाई दे रहीं थीं। जिला नेतृत्वविहीन दिखाई दे रहा था। फिलहाल अनुसुइया उइके की राज्यपाल के रूप में नियुक्ति से नेताओं और कार्यकर्ताओं को सम्बल मिलेगा। छिंदवाड़ा से उनकी नेता पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में राज्यपाल हो गई हैं। फिलहाल इस सम्मान से उनका सीना गर्व से चौड़ा हो गया है।
विधायक से राज्यपाल का सफर 1985-90 विधानसभा दमुआ की विधायक
1988-89 मप्र की महिला बाल विकास मंत्री
1998-99 भूमि विकास बैंक की प्रभारी अध्यक्ष
2006 राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग अध्यक्ष
2002-2005 राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य
2006-2012 राज्यसभा की सदस्य रहीं
2017 जनवरी राष्ट्रीय अनु. जनजाति आयोग उपाध्यक्ष
2019 अब छत्तीसगढ़ की राज्यपाल
1988-89 मप्र की महिला बाल विकास मंत्री
1998-99 भूमि विकास बैंक की प्रभारी अध्यक्ष
2006 राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग अध्यक्ष
2002-2005 राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य
2006-2012 राज्यसभा की सदस्य रहीं
2017 जनवरी राष्ट्रीय अनु. जनजाति आयोग उपाध्यक्ष
2019 अब छत्तीसगढ़ की राज्यपाल
नोट : जिले की वरिष्ठ नेत्री अनुसुइया ने अपने छात्र जीवन में छात्रसंघ पदाधिकारी के साथ-साथ भाजपा के संगठनात्मक पदों के अलावा सामाजिक और आदिवासी संगठनों की जिम्मेदारी भी सम्भाली है। इसके साथ ही कई विदेश यात्राएं भी की हैं। संसद की चर्चाओं में भी बतौर राज्यसभा सदस्य उनका उल्लेखनीय योगदान रहा है।
ये भी खास : एमए अर्थशास्त्र और एलएलबी तक शिक्षित अनुसुइया उइके अपने राजनीतिक जीवन में विभिन्न पदों पर रहीं । राज्यसभा सदस्य के बाद वे कुछ साल तक प्रदेश भाजपा की उपाध्यक्ष भी रहीं।