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हाथ जोड़ कर मांगी क्षमा

locationछिंदवाड़ाPublished: Sep 21, 2021 11:57:06 am

Submitted by:

Rahul sharma

पर्युषण पर्व के समापन अवसर पर सोमवार को तारण तरण दिगंबर जैन मंदिर में ब्रह्मचारी संत बसंत महाराज की उपस्थिति में विशेष पूजा की गई। गांधी चौक प्रांगण में समाज के सभी लोगों ने हाथ जोडक़र एक-दूसरे से क्षमा मांगी व गले मिले।

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गांधी चौक प्रांगण में समाज के सभी लोगों ने हाथ जोडक़र एक-दूसरे से क्षमा मांगी व गले मिले।

छिन्दवाड़ा/ अमरवाड़ा. पर्युषण पर्व के समापन अवसर पर सोमवार को तारण तरण दिगंबर जैन मंदिर में ब्रह्मचारी संत बसंत महाराज की उपस्थिति में विशेष पूजा की गई। सुबह प्रभाती मंत्र जाप ,देवांगालि पूजा मंदिर विधि के पश्चात संत बसंत महाराज ने कहा पर्युषण पर्व उत्तम क्षमा धर्म से प्रारंभ होकर क्षमावाणी पर सम्पन्न होता है । हृदय में सद्भावना नहीं होने ,धर्म भावना खो जाने और अज्ञानता की परिणति बलवती होने पर क्रोध पैदा होता है । क्रोध जीव को धर्म से दूर कर देता है । क्रोध से प्रीति वात्सल गुण नष्ट हो जाते हैं । क्रोध के कारण परिवार और समाज शांत हो जाते हैं । क्रोध क्षमा से शांत होता है । जिस प्रकार पानी सभी की प्यास बुझाता है इसी प्रकार क्षमा विश्व के सभी जीवों को सुख प्रदान करती है । इसलिए भगवान महावीर स्वामी ने क्षमा को विश्व धर्म कहा है । क्षमावाणी पर्व पर गांधी चौक प्रांगण में समाज के सभी लोगों ने हाथ जोडक़र एक-दूसरे से क्षमा मांगी व गले मिले।
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