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Art: जुबान नहीं इनका हुनर बोलता है, रंग-बिरंगे दीप दे रहे गवाही

locationछिंदवाड़ाPublished: Oct 27, 2021 01:58:14 pm

Submitted by:

ashish mishra

आकर्षक रूप देकर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया है।

Art: जुबान नहीं इनका हुनर बोलता है, रंग-बिरंगे दीप दे रहे गवाही

Art: जुबान नहीं इनका हुनर बोलता है, रंग-बिरंगे दीप दे रहे गवाही

छिंदवाड़ा. कौन कहता है आसमान में छेद नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालों यारों…इन पंक्तियों को वास्तविक जीवन में साबित किया है हमारे दिव्यांग बच्चों ने। पोआमा में आधार फाउंडेशन द्वारा बौद्धिक व शारीरिक दिव्यांगजनों के लिए विकास व पुनर्वास केन्द्र संचालित किया जाता है। यहां रह रहे दिव्यांग बच्चे समय-समय पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते आ रहे हैं। इस बार उन्होंने दीवाली पर्व को लेकर दीयों को रंगों से आकर्षक रूप देकर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया है। फाउंडेशन के महेश किंथ ने बताया कि दिव्यांग बच्चों के द्वारा दीपावली पर्व के लिए भिन्न प्रकार के दीपक एवं अन्य सामग्री तैयारी की गई है। इसकी प्रदर्शनी भी शहर के विभिन्न जगहों पर लगाई जा रही है। इसका उद्देश्य यह है कि लोग दीए को खरीदें और दिव्यांग बच्चों का हौंसला बढ़ाएं। इससे बच्चे के चेहरे खुशी से खिल जाएंगे और उनकी दीवाली अच्छी बितेगी। साथ ही वे आत्मविश्वास से लोगों को बता सकेंगे कि वे भी कुछ कर सकते हैं।

संस्था में ही मनेगी दीवाली
कोरोना की वजह से लगभग डेढ़ साल से दिव्यांग बच्चे अपने घर नहीं गए हैं। संचालक ने बताया कि वर्तमान में छोटे बड़े कुल 65 दिव्यांग बालक-बालिकाएं हैं। इन्हें संस्था द्वारा कपड़ा, खाना, रहना, प्रशिक्षण सहित अन्य सुविधा निशुल्क उपलब्ध कराई जाती है। शासन की तरफ से 25 प्रतिशत ही बजट मिल पाता है। वहीं कुछ बच्चों के पैरेंट्स सहायता राशि देते हैं। शेष खर्चा दोस्तों की मदद एवं दान से चलता है। संचालक ने बताया कई बच्चों का घर अब यही हो चुका है वे अपने घर नहीं जाना चाहते। ऐसे में हर साल उनकी दिवाली यही मनती है।

कलेक्ट्रेट के पास लगा रहे प्रदर्शनी
फाउंडेशन संचालक ने बताया कि दीयों को कुम्हारी मोहल्ला सहित अन्य जगहों से खरीदा गया है। इसके पश्चात दिव्यांग बच्चे इन दीयों को रंगों से आकर्षक रूप दे रहे हैं। 30 अक्टूबर तक इसकी प्रदर्शनी कलेक्ट्रेट के पास दोपहर 12 से शाम 5 बजे तक लगाई जा रही है।
बिना खरीदे नहीं रह पाएंगे
दिवाली पर्व का उल्लास हर तरफ देखने को मिल रहा है। लोग जोर-शोर से तैयारी कर रहे हैं। घरों में रंगरोहन हो रहा है। कुम्हार दिन-रात दीए बनाने में जुटा हुआ है। इन सबके बीच दिव्यांग बच्चों की कला देख लोग आश्चर्यचकित हैं। प्रदर्शनी में जब विशेष बच्चों के नन्हें हाथों से बनी सुंदर दिवाली की चीजें उनके सामने आई तो उन्हें खरीदे बिना वे रह नहीं पाए। दिव्यांग बच्चों का आत्मविश्वास, लगन और हौंसलों की झलक साफ देखने को मिल रही है।
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