अप्रैल माह में ही यह हाल तो मई और जून में पानी की समस्या अंदाजा लगाया जा सकता है। जुलाई के माह में ही अच्छी बारिश हो सकती है। इन दो माह में के अंतराल के बीच पशुओं के लिए पानी की व्यवस्था ग्रामीणों के लिए एक विकट संकट का रूप धारण कर सकती है। वर्तमान में ही ग्रामीण अंचल में हैंडपंप और कुओं में जल स्तर लगातार कम होते जा रहा है। ऐसे में दो माह तक इनसे पानी उपलब्ध हो मुश्किल है ऐसे में ग्रामीण कृषक अपने पशुओं के लिए किस प्रकार पानी की व्यवस्था करते है यह सोचनीय है और यदि पानी के अभाव में पशुओं की मृत्यु हो जाती है तो इन ग्रामीणों पर भी आर्थिक भार बढऩे के साथ ही मूक मवेशी की जान भी चली जाएगी। अब ग्रामीण इस सोच में है कि वे आने वाले दिनों में पानी की व्यवस्था कैसे करेंगे। ग्रामीण क्षेत्र के डैम भी सूख चुके है।