उल्लेखनीय है कि जिला अस्पताल में पेयजल, सफाई, दवाई, पार्र्किंग, डॉक्टरों का अनुचित रवैया आदि की शिकायत मिलने पर कुछ समय पहले कलेक्टर यादव ने औचक निरीक्षण किया था तथा पांच दिन में उक्त बिंदुओं में सुधार करने के निर्देश दिए थे। मियाद बीतने के बाद किए गए औचक निरीक्षण में मिली खामियों पर प्रबंधन की नीति पर आक्रोश जताया तथा फटकार लगाई।
1. वॉटर कूलिंग मशीन अव्यवस्थित मिलने पर प्लम्बर का काटा वेतन।
2. मरीजों की सुविधा के लिए लगी पानी की टंकी खाली।3. शौचालयों में मिली गंदगी पर जताया आक्रोश तथा डोरमेट लगाने के दिए निर्देश।
4. मरीजों के उपचार में प्राथमिकता देने के दिए निर्देश।
5. मरीजों की पर्ची देख पूछा हालचाल व उपचार की व्यवस्था।
6. सीटी स्कैन और पैथालॉजी लैब में जांच की उचित व्यवस्था बनाने के दिए निर्देश।
7. ब्लड डोनेशन का डाटाबेस बनाने के दिए निर्देश।
8. संसाधनों की कमी होने पर बताए वजह तथा डिमांड की मांगी जानकारी।
9. डेली डोनेशन को बढ़ावा देने के साथ डोनेशन कैलेंडर बनाने के दिए निर्देश।
10. बाहर की दवा तथा ब्लड जांच लिखने पर सख्त कार्रवाई की दी चेतावनी।
11. नवीन बिल्डिंग पर आरकेएस के फंड से पानी की व्यवस्था बनाई जाएगी।
12. सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ करने तथा सीसीटीवी लगाने के निर्देश।
13. विभिन्न व्यवस्थाओं में लापरवाही मिलने पर निजी एजेंसी हाइट्स को नोटिस दिया गया।
14. दिव्यांगता प्रमाण-पत्र नहीं बनाने की पीडि़त ने की शिकायत।
इन्हें दिया गया नोटिस – शासकीय मेडिकल कॉलेज में पदस्थ सहायक प्राध्यापक डॉ. ’योति नागवंशी को अस्पताल से बाहर की ब्लड जांच करवाने के लिए मरीज को बाद्ध करने पर नोटिस जारी किया गया है। साथ ही मेडिकल के डॉक्टरों को अनावश्यक जांच और बाहरी दवा नहीं लिखने की हिदायत दी है तथा सिविल सर्जन डॉ. राठी से डॉक्टरों में समन्वयक बनाने के निर्देश दिए है। इनके अलावा जिला अस्पताल में लापरवाह करीब दर्जनभर डॉक्टरों और कर्मचारियों को नोटिस दिया गया है।
जारी रहेगी प्रक्रिया – जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं को लेकर औचक निरीक्षण किया गया। इस दौरान कुछ में सुधार हुआ तो कई में सुधार होना है। पानी के लिए उचित व्यवस्था बनाई जाएगी। साथ ही मॉनिटरिंग के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को नोडल बनाया जाएगा, जो प्रतिदिन या अल्टरनेट व्यवस्था के आधार पर जायजा लेंगे तथा तथा मेरे द्वारा उक्त प्रक्रिया सतत जारी रहेगी। लापरवाह डॉक्टर, कर्मचारी को नोटिस देंगे तथा सुधार नहीं होने पर नौकरी से पृथक करने की कार्रवाई भी की जा सकती है।
– भरत यादव, कलेक्टर छिंदवाड़ा