छिंदवाड़ा

मोरों की मौत पर बवाल, जहर दिए जाने की आशंका

डीएफओ ने मांगा वनरक्षक से लेकर रेंजर तक से जवाब, सेम्पल जबलपुर फोरेंसिक लैब भेजा

छिंदवाड़ाMay 30, 2019 / 12:23 pm

prabha shankar

Peacock

छिंदवाड़ा/अम्बामाली. पश्चिम वनमण्डल के अंतर्गत सांवरी रेंज की शंकरपुर बीट के जंगल में राष्ट्रीय पक्षी मोरों के मृत पाए जाने के मामले की जांच करने बुधवार को डीएफओ डॉ.किरण बिसेन समेत अधिकारी-कर्मचारियों का दल स्थल पर पहुंचा। मैदानी निरीक्षण के बाद डीएफओ ने मृत मोर के सेम्पल को जहर की आशंका पर जबलपुर फोरेंसिक लेबोरेटरी पहुंचाया। इसके साथ ही जंगल में पानी की कमी की जानकारी वरिष्ठ कार्यालय को न देने समेत अन्य बिंदुओं पर वन रक्षक,डिप्टी रेंजर और रेंजर को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
पत्रिका ने इस शंकरपुर बीट के जंगलों में मोरों के मृत पाए जाने की खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद बुधवार सुबह आठ बजे जंगल का मुआयना करने डीएफओ डॉ.बिसेन, एसडीओ अनादि बुधोलिया समेत अन्य का दल पहुंचा। इस दौरान जंगल के निरीक्षण के साथ अधिकारियों ने ग्रामवासियों से बातचीत की। जंगल के पशु-पक्षियों की स्थिति का जायजा लिया। जल के स्रोत की जांच की। ग्रामीणों ने बताया कि भाकू झिरिया नामक डैम के अंदर छोटे-छोटे कुएं खोदे जाएं तो जंगली जानवरों के लिए जल प्राप्त हो सकता है। फिलहाल गर्मी से जल स्रोत सूख गए हैं। इससे जंगली जानवर जंगल के अंदर दिन रात पानी की तलाश कर रहे हैं। पानी न मिलने के कारण राष्ट्रीय पक्षी समेत अन्य अन्य जानवरों की भी मृत्यु होती जा रही है। इस मामले की पड़ताल में यह भी पता चला कि मोर का प्राकृतिक आवास आसपास की चट्टानों के नीचे है। वहां पानी की एक झिरिया है,वह सूखने से मोरों के प्यास से तड़पने की स्थिति बनी। यह भी बताया गया कि तापमान 44 डिग्री होने पर मोर चट्टान की गर्मी सहन नहीं कर पाए। यह भी कारण हो सकता है। इसके साथ ही जांच में मोरों को जहर देने की आशंका भी जाहिर की।
डीएफओ ने कर्मचारियों को जंगल में पानी सूखने की सूचना न दिए जाने पर भी नाराजगी जताई और कहा कि उन्हें इसका स्पष्टीकरण देना होगा।


ग्रामीणों की सलाह पर तुरंत खोदेंगे झिरिया
जांच में मोरों के प्राकृतिक आवास के पास झिरिया में समीप स्टापडैम की मिट्टी को पाया गया। ग्रामीणों ने झिरिया में पानी होने की सम्भावना जताई। इस पर डीएफओ ने तत्काल स्थानीय कर्मचारियों को झिरिया खोदने के निर्देश दिए और कहा कि इस पानी को वन्य प्राणियों के लिए सुरक्षित रखा जाना चाहिए। उन्होंने जंगल के अन्य इलाकों में भी झिरिया की सफाई, जलस्रोत के संरक्षण समेत अन्य काम शुरू करने के निर्देश दिए।


शंकरपुर में मोरों की मौत के मामले में वनरक्षक, डिप्टी रेंजर व रेंजर को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है। इसके साथ ही जहर के संदेह पर मृत मोर की सेम्पल रिपोर्ट को जांच के लिए जबलपुर फोरेंसिक लैब पहुंचाया गया है। यह गम्भीर मामला है। हमने तुरंत स्थल पर झिरिया की सफाई कर पानी निकालने के लिए निर्देशित किया है। इसके साथ ही पूरे रेंज क्षेत्र में जंगली जानवरों के लिए पानी के इंतजाम करने के लिए भी कहा है।

-डॉ.किरण बिसेन, डीएफओ पश्चिम वनमण्डल

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