scriptसंभलकर चलें..बारिश में ये पुल हो गए खतरनाक | Be careful.. these bridges become dangerous in the rain | Patrika News

संभलकर चलें..बारिश में ये पुल हो गए खतरनाक

locationछिंदवाड़ाPublished: Jun 19, 2021 12:07:01 pm

Submitted by:

manohar soni

साल में नहीं बना बाढ़ में बहा पुल,बारिश में फिर टूटा रहेगा गांवों का संपर्क

gahranala

संभलकर चलें..बारिश में ये पुल हो गए खतरनाक

चौरई/छिंदवाड़ा. पिछले साल की अतिवृष्टि में पेंच नदी में आई बाढ़ में टूटे चौरई विकासखण्ड के सांख-हलालखुर्द-साजपानी मार्ग के पुल को एक साल बाद दोबारा नहीं बनाया जा सका है। इस मार्ग से जुड़े आधा दर्जन से अधिक गांवों के लोग जान जोखिम में लेकर सफर कर रहे हैं। इस बारिश में ग्रामीणों का संपर्क टूटा रहेगा। इस पुल के निर्माण में लोक निर्माण विभाग के ब्रिज डिवीजन के अधिकारी निष्क्रिय बताए जा रहे हैं।
इस पुल के टूटने के साथ टाप बांसखेड़ा मार्ग, ग्राम पोनिया मार्ग और हलालखुर्द-बेलपेठ मार्ग के पुल के क्षतिग्रस्त होने का मामला फरवरी-मार्च की विधानसभा में चौरई विधायक सुजीत सिंह चौधरी ने भी उठाया था। इस प्रश्न के उत्तर में पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों का जवाब था कि सांख-हलालखुर्द साजपानी मार्ग के पुल को छोड़कर शेष तीन पुल कार्यो में अस्थायी सुधार कार्य करवाया गया है। हलालखुर्द-बेलपेठ मार्ग में क्षतिग्रस्त पुल के स्थान पर विचलन मार्ग के लिए 22.70 लाख रुपए मंजूर किए गए है। इस सरकारी उत्तर के बाद ग्रामीणों की शिकायत है कि लोक निमा्र्रण विभाग ब्रिज डिवीजन के अधिकारी-कर्मचारी इस पुल के सुधि लेने नहीं पहुंचे हैं। पुल का निर्माण भी शुरू नहीं किया गया है। अब हमें फिर से बारिश में तकलीफ उठानी पड़ेगी।
..
क्षतिग्रस्त पुल से निकलते वक्त थम जाती हैं सांसें
वर्तमान में हलाल, कोनापिंडरई, साजपानी समेत आधा दर्जन से अधिक गांव के लोग क्षतिग्रस्त पुराने रपटा पुल से जान जोखिम में डालकर आना-जाना कर रहे हैं। पुल की ऊंचाई बहुत कम है। थोड़ी बारिश में ही पुराने पुल के ऊपर पानी आ जाता है जिससे आवागमन रुक जाता है। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने तो पुराने क्षतिग्रस्त रपटा पुल की मरम्मत भी नहीं कराई है। बारिश में क्या हाल होगा,इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।

पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने ये दिया था जवाब
विधानसभा में पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने बताया था कि चौरई क्षेत्र में कोई भी पुल क्षतिग्रस्त नहीं हुआ बल्कि क्षेत्र में सिर्फ एप्रोच रोड क्षतिग्रस्त हुई है। टॉप बांसखेड़ा मार्ग के लिए 4.69लाख, बादगांव पौनिया पुल की एप्रोच सड़क के लिए 95.82 लाख, हलाल बेलपेठ मार्ग पर एप्रोच सड़क सुधार के लिए 117.70लाख और सांख हलाल मार्ग के पुराने रपटा पुल के लिए 22.70लाख मंजूर किए गए। ग्रामीणों का कहना है कि अफसरों के जवाब के विपरीत मैदानी स्थिति है। पुल और मार्ग निर्माण शुरू नहीं किया गया है।
….
ये कहते हैं जनप्रतिनिधि और अधिकारी
पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के संपर्क में हूं। जानकारी अनुसार इस्टीमेट की राशि शासन से नहीं मिली है। क्षतिग्रस्त पुल और सड़क निर्माण के लिए प्रयासरत है।
-सुजीत चौधरी, विधायक चौरई।
..
सड़क और पुल की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्री से पत्राचार किया गया है और दूरभाष पर चर्चा की गई है। जिसमें कार्य जल्द कराने की जानकारी मिली है।
-पं. रमेश दुबे,पूर्व विधायक चौरई।
..
चौरई क्षेत्र में पिछली बारिश में क्षतिग्रस्त पुल की बजट स्वीकृति की जानकारी ली जाएगी और गहरानाला पुल निर्माण पर एनएचएआई के अधिकारियों से बातचीत करेंगे।
-सौरभ कुमार सुमन,कलेक्टर।

ये भी सिरदर्द…िसंगोड़ी पुल पर नहीं लगी रैलिंग
नरसिंहपुर नेशनल हाइवे पर सिंगोड़ी पुल की रैलिंग पिछले साल बारिश में बह गई थी। नेशनल हाइवे प्राधिकरण द्वारा अभी तक इसका निर्माण दोबारा नहीं करवाया गया है। एनएच के अधिकारियों द्वारा पेंच नदी के दोनों ओर नाममात्र के बांस लगा दिए गए हैं। पुल के ऊपर की सड़क भी जगह-जगह उखड़ चुकी है। इससे आवागमन में परेशानी हो रही है।

पांच साल बीतने पर भी नहीं बन पाया गहरानाला पुल
नागपुर नेशनल हाइवे पर रामाकोना के नजदीक गहरानाला पुल पांच साल में भी नहीं बन पाया है। पिछले साल 2020 में आईआईटी कानपुर से पुल की डिजाइन अप्रूव होने पर नेशनल हाइवे प्राधिकरण के अधिकारियों ने पुल का दोबारा निर्माण शुरू कराया था। इस मानसून सीजन के पूरा होने पर भी अभी तक उसे पूरा नहीं किया गया है। इस बार की बारिश में भी आवागमन की परेशानी आम जनमानस और वाहन चालकों को भुगतनी पड़ेगी। प्रशासन सौंसर के नजदीक कुड्डम से नागपुर से आनेवाले वाहन तथा रामपेठ के पास कच्चीढाना से वैकल्पिक मार्ग की तैयारी में जुटा है। गहरानाला में हर साल बाढ़ से छह किमी का सफर 14 किमी तक करना पड़ता है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो