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छिंदवाड़ा

Big Issue: लगातार बढ़ रही इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या, लेकिन न तो उपभोक्ता का फायदा न कम्पनी को

– नहीं रहे चार्जिंग स्टेशन, घरेलू बिजली कनेक्शन पर ही बढ़ा बोझ
– बिजली कंपनी को नहीं मिल रहा अलग टैरिफ का लाभ

छिंदवाड़ाNov 18, 2024 / 05:48 pm

prabha shankar

ELECTRIC CAR
पेट्रोल-डीजल वाहनों की तुलना में शहरी यातायात के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। पांच किमी प्रतिदिन चलने वाले लोग इस इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन के भरोसे हो गए हैं। इसकी तुलना में ई-चार्जिंग स्टेशन तेजी से शुरू नहीं हो पा रहे हैं। इससे इन वाहनों की बिजली खपत का बोझ घरेलू कनेक्शनों पर आ रहा है। बिजली कंपनी भी इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए तय बिजली टैरिफ का लाभ नहीं उठा पा रही है।
देखा जाए तो इस समय इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर, थ्री व्हीलर और फोर व्हीलर वाहनों की पंजीकृत व गैर पंजीकृत वाहनों की संख्या दस हजार से अधिक है। इस दीपावली पर भी आम व्यक्तियों ने अपनी जरूरत के हिसाब से इलेक्ट्रिक वाहनों को खरीदा है। ये वाहन पर्यावरण हितैषी होने के साथ हल्के होने की वजह से पसंदीदा हैं। इससे सरकार के पेट्रोल-डीजल की बचत भी हो रही है। इन वाहनों की एजेंंसियों में इनकी पूछपरख बढ़ती जा रही है। ये सब तो सही है, लेकिन इन इलेक्ट्रिक वाहनों की बिजली खपत के लिए ई-चार्जिंग स्टेशन बढ़ नहीं पाए हैं। जबकि इसे पेट्रोल पंप की तरह विकसित करने की जरूरत महसूस की जा रही है।

क्या है ई-चार्जिंग स्टेशन की नीति

पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक यदि कोई व्यक्ति ई-चार्जिंंग स्टेशन के लिए आवेदन करता है, तो उसे बिजली कंपनी ट्रांसफार्मर लगाकर देती है। कनेक्शन का चार्ज के साथ इसकी बिजली खपत का अलग टैरिफ प्लान है। इससे कंपनी और सेवा प्रदाता दोनों लाभ में रहेंगे।

दोपहिया के साथ ई-रिक्शा और चौपहिया वाहन


शहर की सडक़ों पर देखा जाए तो इस समय दोपहिया, तिपहिया और चौपहिया वाहन तेजी से दौड़ रहे हैं। इस दीपावली पर तेजी से ई-वाहन खरीदे गए। पहले एजेंसियों में बिना नंबर वाले वाहन आते थे। अब ये आना बंद हो गए हैं। अब सभी ई-वाहनों का रजिस्ट्रेशन आरटीओ ऑफिस में हो रहा है। पेट्रोल-डीजल वाहनों के साथ ई-वाहन भी आम आदमी की पसंद है। दोपहिया और ई-रिक्शा की रुचि बढ़ रही है।

वर्तमान में दो स्टेशन, पांढुर्ना में दी स्वीकृति

बिजली कंपनी के मुताबिक छिंदवाड़ा शहर में दो ई-चार्जिंग स्टेशन हैं , तो वहीं पांढुर्ना में अभी स्वीकृति दी गई है। इससे पूरे जिले में इसकी संख्या तीन है। अब तक कम से कम 25 ई-चार्जिंग स्टेशन पूरे जिले में अलग-अलग हो जाना चाहिए, ताकि बिजली कंपनी के साथ उपभोक्ताओं को भी इसका फायदा मिल सके।
इनका कहना है….
ई-वाहनों के चार्जिंग स्टेशन के लिए बिजली कंपनी की नीति लागू है। अब तक छिंदवाड़ा में दो और पांढ़ुर्ना में एक ई-चार्जिंग स्टेशन को मंजूर किया गया हैं। आगे भी इसे प्रोत्साहित किया जा रहा है।
-खुशियाल शिववंशी, संभागीय अभियंता पूर्व क्षेत्र बिजली कंपनी
शहर में ई-वाहनों की संख्या में वृद्धि हो रही है। इसके रजिस्ट्रेशन भी एआरटीओ में हो रहे हैं।
-मनोज तेहनगुरिया, एआरटीओ छिंदवाड़ा

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