क्या है ई-चार्जिंग स्टेशन की नीति
पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक यदि कोई व्यक्ति ई-चार्जिंंग स्टेशन के लिए आवेदन करता है, तो उसे बिजली कंपनी ट्रांसफार्मर लगाकर देती है। कनेक्शन का चार्ज के साथ इसकी बिजली खपत का अलग टैरिफ प्लान है। इससे कंपनी और सेवा प्रदाता दोनों लाभ में रहेंगे।दोपहिया के साथ ई-रिक्शा और चौपहिया वाहन
शहर की सडक़ों पर देखा जाए तो इस समय दोपहिया, तिपहिया और चौपहिया वाहन तेजी से दौड़ रहे हैं। इस दीपावली पर तेजी से ई-वाहन खरीदे गए। पहले एजेंसियों में बिना नंबर वाले वाहन आते थे। अब ये आना बंद हो गए हैं। अब सभी ई-वाहनों का रजिस्ट्रेशन आरटीओ ऑफिस में हो रहा है। पेट्रोल-डीजल वाहनों के साथ ई-वाहन भी आम आदमी की पसंद है। दोपहिया और ई-रिक्शा की रुचि बढ़ रही है।
वर्तमान में दो स्टेशन, पांढुर्ना में दी स्वीकृति
बिजली कंपनी के मुताबिक छिंदवाड़ा शहर में दो ई-चार्जिंग स्टेशन हैं , तो वहीं पांढुर्ना में अभी स्वीकृति दी गई है। इससे पूरे जिले में इसकी संख्या तीन है। अब तक कम से कम 25 ई-चार्जिंग स्टेशन पूरे जिले में अलग-अलग हो जाना चाहिए, ताकि बिजली कंपनी के साथ उपभोक्ताओं को भी इसका फायदा मिल सके।ई-वाहनों के चार्जिंग स्टेशन के लिए बिजली कंपनी की नीति लागू है। अब तक छिंदवाड़ा में दो और पांढ़ुर्ना में एक ई-चार्जिंग स्टेशन को मंजूर किया गया हैं। आगे भी इसे प्रोत्साहित किया जा रहा है।
-खुशियाल शिववंशी, संभागीय अभियंता पूर्व क्षेत्र बिजली कंपनी
-मनोज तेहनगुरिया, एआरटीओ छिंदवाड़ा