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छिंदवाड़ा

Big Issue: अधिकारियों की इस लापरवाही की वजह से महिलाओं को होना पड़ रहा शर्मसार

– दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे सब्जी बाजार, कई जगह शौचालय का अभाव
– हर स्वच्छता सर्वेक्षण में उठता रहा मुद्दा, नगर निगम ने कभी नहीं किया हल

छिंदवाड़ाDec 01, 2024 / 12:27 pm

prabha shankar

जेल बगीचा स्थित सब्जी बाजार।

शहर में दिन प्रतिदिन सब्जी बाजारों की संख्या बढ़ती जा रही है, लेकिन विक्रेताओं और ग्राहकों के लिए बाथरूम-शौचालय की सुविधाएं विकसित नहीं की जा रही हैं। हर स्वच्छता सर्वेक्षण के समय यह मुद्दा उठता रहा है, लेकिन नगर निगम के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने कभी इस समस्या का हल नहीं निकाला। हालत यह है कि इन बाजार में बाथरूम के अभाव में सबसे ज्यादा शर्मसार महिलाओं को होना पड़ता है।
देखा जाए तो नगरपालिका के समय से बाजार में कुछ स्थानों पर ही सुलभ शौचालय और सार्वजनिक शौचालय बनाए गए हैं। यह बुधवारी, जेल बगीचा, शनिचरा बाजार से 100 से 500 मीटर दूर है। अब इमलीखेड़ा, नरसिंहपुर रोड नई आबादी, खजरी रोड, नोनिया करबल समेत अन्य स्थलों पर क्षेत्रीय सब्जी बाजार विकसित हो गए हैं। इन इलाकों में सब्जी विक्रेता कहीं प्रसाधन के लिए जाना चाहें तो उन्हें सडक़ किनारे या फिर किसी गली को ढूंढना पड़ता है। सबसे ज्यादा मुसीबत महिला दुकानदारों की हो रही है। वे भी प्रसाधन के लिए दूर-दराज के सुरक्षित स्थान तलाश करती हैं।
ये मुद्दा नगर निगम की परिषद में पिछले कुछ समय से उठता रहा है, लेकिन कभी किसी जनप्रतिनिधि या अधिकारी ने बाजार की इस समस्या को हल करने में रुचि नहीं ली है।

सब्जी के साथ फुटपाथी दुकानदार भी त्रस्त

बाजार में प्रसाधन की इस समस्या से केवल सब्जी दुकानदार ही परेशान नहीं हो रहे हैं, बल्कि फुटपाथी चना-फूटे, सिंगाड़ा, मनिहारी महिला दुकानदार भी त्रस्त हैं। उन्हें सुरक्षित जगह नहीं मिल पाने के चलते वे शर्मसार हो रही हैं। सडक़ किनारे गंदगी भी हो रही है। स्वच्छता सर्वेक्षण में इस महत्वपूर्ण कमी को पूरा किया जाए तब भी शहर की गंदगी दूर हो सकती है। इसके अलावा शहरी ग्रामीण बाजार में भी इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए।

मिनी बाथरूम लगवाएं, तो समस्या का हल संभव

सिवनी समेत कुछ जिलों के बाजारों और सार्वजनिक स्थलों की नालियों पर छोटे-छोटे डिब्बेनुमा मिनी बाथरूम लगवाए गए हैं। इससे आम आदमी के साथ बाजार के दुकानदार-ग्राहकों की प्रसाधन की समस्या का समाधान हुआ है। ये सस्ते भी होंगे। इसे नियमानुसार लगवाया जा सकता है। इस पर कभी भी नगर निगम के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को ध्यान देना चाहिए।

शौचालय की संख्या 23, अब 40 का रखा लक्ष्य

नगर निगम के दो साल पहले बने पंचवर्षीय प्लान में ये तथ्य आया था कि वर्तमान में सार्वजनिक-सामुदायिक शौचालयों की संख्या 23 है, जिसे 2026 तक 40 करने की कार्ययोजना बनाई गई है। इसी तरह दो मूत्रालय की संख्या को 35 किया जा सकता है। इस प्लान पर कभी काम ही नहीं किया गया है।

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