सब्जी के साथ फुटपाथी दुकानदार भी त्रस्त
बाजार में प्रसाधन की इस समस्या से केवल सब्जी दुकानदार ही परेशान नहीं हो रहे हैं, बल्कि फुटपाथी चना-फूटे, सिंगाड़ा, मनिहारी महिला दुकानदार भी त्रस्त हैं। उन्हें सुरक्षित जगह नहीं मिल पाने के चलते वे शर्मसार हो रही हैं। सडक़ किनारे गंदगी भी हो रही है। स्वच्छता सर्वेक्षण में इस महत्वपूर्ण कमी को पूरा किया जाए तब भी शहर की गंदगी दूर हो सकती है। इसके अलावा शहरी ग्रामीण बाजार में भी इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
मिनी बाथरूम लगवाएं, तो समस्या का हल संभव
सिवनी समेत कुछ जिलों के बाजारों और सार्वजनिक स्थलों की नालियों पर छोटे-छोटे डिब्बेनुमा मिनी बाथरूम लगवाए गए हैं। इससे आम आदमी के साथ बाजार के दुकानदार-ग्राहकों की प्रसाधन की समस्या का समाधान हुआ है। ये सस्ते भी होंगे। इसे नियमानुसार लगवाया जा सकता है। इस पर कभी भी नगर निगम के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को ध्यान देना चाहिए।
शौचालय की संख्या 23, अब 40 का रखा लक्ष्य
नगर निगम के दो साल पहले बने पंचवर्षीय प्लान में ये तथ्य आया था कि वर्तमान में सार्वजनिक-सामुदायिक शौचालयों की संख्या 23 है, जिसे 2026 तक 40 करने की कार्ययोजना बनाई गई है। इसी तरह दो मूत्रालय की संख्या को 35 किया जा सकता है। इस प्लान पर कभी काम ही नहीं किया गया है।